नई दिल्ली: कुख्यात गैंगस्टर सुंदर भाटी, जिन पर हत्या और रंगदारी जैसे 60 से अधिक केस दर्ज हैं, को उच्च न्यायालय से जमानत मिल गई है। यह जमानत बिना किसी होहल्ला के दी गई, जिससे उनकी रिहाई के बाद से गैंगवार की आशंकाएं बढ़ गई हैं।
भाटी, जो हाल ही में सोनभद्र से दिल्ली पहुंचे हैं, का नाम अतीक-अशरफ हत्याकांड में भी सामने आया था। उनकी रिहाई के बाद सुरक्षा और कानून व्यवस्था को लेकर चिंता बढ़ गई है।
हरेंद्र नागर हत्याकांड: भाटी के गनर हरेंद्र नागर को इस मामले में उम्रकैद की सजा मिली थी। नागर के भाई, रविंद्र नागर, इस हत्याकांड में गवाह हैं और उनकी गवाही पर भाटी सहित 11 लोगों को सजा मिली थी।
गैंगवार का खतरा: भाटी की रिहाई से संबंधित गैंगवार की आशंका, विशेषकर रविंद्र नागर को उनके गैंग से खतरे की बात कही जा रही है।
जिगाना पिस्टल कनेक्शन: भाटी के शूटरों के पास जिगाना पिस्टल के इस्तेमाल की बात सामने आई है, जिसका नाम लॉरेंस गैंग से भी जुड़ा हुआ है। अजीत सिंह हत्याकांड में भी इसी पिस्टल का उपयोग हुआ था।
शूटरों का नेटवर्क: हमीरपुर जेल में एक शूटर, जो भाटी के साथ बंद था, की जानकारी मिली है।
सुंदर भाटी की रिहाई से उत्पन्न स्थिति पर नजर रखना आवश्यक होगा, क्योंकि इससे अपराध की दुनिया में हलचल मचने की संभावनाएं बढ़ गई हैं।
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