“लखनऊ में 20 हजार से ज्यादा स्ट्रीट लाइटें बंद हैं, जिससे शहर की सड़कों पर अंधेरा पसरा है। कई क्षेत्रों में सुरक्षा के लिहाज से लोग असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। नगर निगम के प्रयास नाकाम साबित हो रहे हैं।”
रिपोर्ट – मनोज शुक्ल
लखनऊ। शहर की सड़कों पर स्ट्रीट लाइटें बंद होने के कारण अंधेरा बढ़ता जा रहा है। लखनऊ नगर निगम के मार्ग प्रकाश विभाग का दावा है कि दीपावली से पहले सभी लाइटें चालू कर दी गई थीं, लेकिन 20 हजार से ज्यादा लाइटें अब भी खराब हैं। छुट्टियों के बाद से कई कर्मचारी काम पर नहीं लौटे, जिस कारण लाइटें दुरुस्त नहीं हो पा रही हैं।
विशेष रूप से शहीद पथ, 1090 चौराहा से अंबेडकर पार्क जाने वाले पुल, और जनेश्वर मिश्रा पार्क से लक्ष्मी मार्केट तक की सड़कें अंधेरे में हैं। सुलभ आवास में रहने वाली महिला शैलजा मिश्रा का कहना है कि देर रात लौटते वक्त अंधेरे से डर लगता है।
अंधेरे में लखनऊ के प्रमुख इलाके
शहर के कई इलाकों जैसे जानकीपुरम, शहीद स्मारक रोड, रेजीडेंसी रोड, और गोमती नगर विस्तार में पहले से अंधेरा छाया हुआ है। जानकीपुरम विस्तार के कई सेक्टरों में दो साल से स्ट्रीट लाइट की समस्या बनी हुई है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि समस्या की शिकायतें लगातार की जा रही हैं, लेकिन केवल आश्वासन ही मिला है।
नगर निगम पर भेदभाव का आरोप
कांग्रेस पार्षद मुकेश सिंह चौहान ने आरोप लगाया कि नगर निगम विपक्षी पार्षदों के वार्ड में भेदभाव कर रहा है। वार्ड के लिए 25 स्ट्रीट लाइटें स्वीकृत हुई थीं, लेकिन उन्हें सिर्फ 10 लाइटें दी गईं। वहीं, भवानीगंज के पूर्व पार्षद संतोष राय का कहना है कि स्ट्रीट लाइट के तार नहीं बदले जा रहे हैं, जिससे रात में सड़कों पर अंधेरा रहता है।
हाईमास्ट लाइटें भी बंद
शहर के कई इलाकों में हाईमास्ट लाइटें भी बंद पड़ी हैं, जिससे शाम ढलते ही वहां अंधेरा छा जाता है। नगर निगम का कहना है कि नागरिक टोल फ्री नंबर 1533 पर शिकायत दर्ज करा सकते हैं ताकि समस्या का जल्द समाधान हो सके।
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