अयोध्या। प्रभु श्रीराम की नगरी में स्वास्थ्य सेवाओं में इजाफा करने की योगी सरकार की कवायद तेज गति से आगे बढ़ रही है। इस कड़ी में पहल जिला अस्पताल प्रशासन ने की है। यहां प्राइवेट वार्ड शुरू करने के साथ ही एनसीडी क्लीनिक और जिरियाट्रिक वार्ड बनाने की तैयारी चल रही है।
इन सेवाओं के अस्पताल में शुरू होते ही जिला अस्पताल बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने वाला अस्पताल बन जायेगा। अयोध्या में भव्य मंदिर निर्माण के पहले ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सर्वप्रथम यहां के अस्पतालों में सुविधाएं बढ़ाने व एक मल्टीस्पेशियलिटी अस्पताल खोलने का निर्देश दिया था।
हालांकि अस्पताल के लिए जमीन तलाशे जाने का काम युद्ध स्तर पर चल रहा है। संभवतः जल्द ही इस कड़ी में प्रशासन को सफलता मिल सकती है। वहीं सुविधाएं बढ़ाने के लिए जिला अस्पताल प्रशासन ने मंथन करना शुरू कर दिया है। सबसे पहले अस्पताल में प्राइवेट वार्ड शुरू करने की तैयारी चल रही है।
प्राइवेट वार्ड के लिए दो हजार जमा करानी होगी सिक्योरिटी मनी
चिकित्सा अधीक्षक डॉ. विपिन वर्मा बताते हैं कि अस्पताल में न्यू बिल्डिंग के पीछे भवन में छह बेड वाला प्राइवेट वार्ड है। हर कमरे में शौचालय व स्नानघर अटैच है। इसके अलावा इसमें तीमारदार के रुकने व बैठने का इंतजाम रहेगा।
प्राइवेट वार्ड लेने के लिए दो हजार रुपये सिक्योरिटी मनी के रूप में जमा करने होंगे। 34 रुपये रजिस्ट्रेशन फीस होगी। प्रत्येक दिन के हिसाब से 100 रुपये रूम का रेंट होगा।
आईवी ड्रिप का चार्ज रोजाना 34 रुपये देय होगा। बड़े ऑपरेशन के लिए भर्ती होने पर 1065 रुपये फीस पड़ेगी। जल्द ही स्टाफ की ड्यूटी आवंटित कर इसका संचालन शुरू कर दिया जाएगा।
एनसीडी क्लीनिक में देखे जाएंगे गैर-संक्रामक रोगी
जिला अस्पताल में गैर-संक्रामक रोगों के लिए एनसीडी क्लीनिक खोलने की तैयारी चल रही है। इस क्लीनिक के खुलने से संक्रामक रोगों के मरीजों के साथ गैर-संक्रामक रोगों के मरीज को मरीज को इलाज नहीं कराना पड़ेगा।
दरअसल अभी होता यह है कि गैर-संक्रामक रोगी जैसे हृदय रोगी, मधुमेह व कैंसर जैसे पेशेंट भी संक्रामक रोगियों के साथ चिकित्सक के पास इलाज के लिए पहुंचते हैं। इस क्लीनिक के खुलने के पश्चात एक चिकित्सक की तैनाती की जाएगी, जहां सिर्फ गैर-संक्रामक मरीजों को देखने की सुविधा रहेगी।
जिरियाट्रिक वार्ड में होगा बुजुर्गों का इलाज
जिरियाट्रिक वार्ड में बुजुर्गों के इलाज की व्यवस्था होती है। ऐसे वार्ड को अस्पताल में बनाने की तैयारी चल रही है। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. उत्तम कुमार ने बताया कि अभी विचार है कि आठ बेड वाले रिजर्व वार्ड को ही जिरियाट्रिक वार्ड के रूप में इस्तेमाल किया जाए। एनसीडी क्लीनिक के लिए भी शासन से निर्देश मिला है। जल्द ही इसके संचालन की व्यवस्था कराई जाएगी।