“आगरा कोर्ट ने कंगना रनोट को नोटिस जारी किया है, जिसमें उनके किसानों के खिलाफ दिए गए विवादित बयान पर जवाब मांगा गया है। जानिए कैसे यह मामला बढ़ा और कंगना के बयान के बाद क्या हुआ।”
आगरा। बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनोट को आगरा कोर्ट द्वारा नोटिस जारी किया गया है, जिसमें उन्हें किसानों के खिलाफ दिए गए उनके विवादित बयान पर जवाब देने के लिए तलब किया गया है। कंगना ने हाल ही में एक इंटरव्यू में कहा था कि किसान आंदोलन के दौरान पंजाब में हत्याएं और बलात्कार हो रहे थे, जिस पर किसान संगठनों और उनके समर्थकों ने तीखी प्रतिक्रिया दी थी। इस बयान के बाद किसान संगठनों ने उनके खिलाफ आगरा कोर्ट में याचिका दायर की थी।
कंगना के बयान ने एक नए विवाद को जन्म दिया था, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि किसानों के आंदोलन में खालिस्तानी आतंकवादी शामिल थे और अगर सरकार ने कृषि बिल वापस नहीं लिया होता तो स्थिति और बिगड़ सकती थी। कंगना का यह बयान बहुत विवादास्पद था, और इसने देशभर में किसानों और उनके समर्थकों को नाराज कर दिया। कंगना ने अपनी बयानबाजी में महात्मा गांधी के सिद्धांतों का भी मजाक उड़ाया था, जिसके कारण उनकी आलोचना हुई।
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आगरा बार एसोसिएशन के अध्यक्ष एडवोकेट रमाशंकर शर्मा ने कंगना के खिलाफ कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। इस याचिका में कंगना पर किसानों के प्रति अभद्र टिप्पणी करने का आरोप लगाया गया था और साथ ही महात्मा गांधी के सिद्धांतों का अपमान करने की बात भी कही गई थी। अदालत ने कंगना को 25 सितंबर तक जवाब देने के लिए तलब किया है।
कंगना का बयान
कंगना ने अपनी तरफ से यह दावा किया कि उनका उद्देश्य केवल उस समय की स्थिति को सामने लाना था, जब किसान आंदोलन के नाम पर कुछ उपद्रवी तत्व हिंसा फैला रहे थे। हालांकि, उनके इस बयान ने कई लोगों को आहत किया और अब यह मामला कोर्ट तक पहुंच गया है।
आगरा बार एसोसिएशन का विरोध
एडवोकेट शर्मा का कहना है कि कंगना के बयान ने किसानों और महात्मा गांधी के सिद्धांतों का मजाक उड़ाया, जो कि पूरी तरह से अनुचित था। उन्होंने कंगना के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है और इस मामले को अदालत में उठाया है।
कंगना रनोट का बयान और उसके बाद की कानूनी कार्रवाई ने यह साबित कर दिया कि जब सार्वजनिक हस्तियां संवेदनशील मुद्दों पर बयान देती हैं, तो उन्हें अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए। यह मामला यह भी दिखाता है कि कैसे ऐसे विवादों से निपटने के लिए अदालतें महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
आगरा बार एसोसिएशन ने कंगना के बयान को लेकर कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसके बाद अदालत ने कंगना को जवाब देने के लिए नोटिस जारी किया। अदालत ने कंगना से 25 सितंबर तक अपना पक्ष रखने को कहा है। कंगना के बयान ने यह सवाल उठाया है कि क्या सार्वजनिक हस्तियों को ऐसी संवेदनशील मुद्दों पर बयान देते समय अधिक जिम्मेदारी नहीं दिखानी चाहिए?
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रिपोर्ट – मनोज शुक्ल
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