लखनऊ: राजधानी के लोगों के लिए अच्छी ख़बर, पिपराघाट से शहीद पथ तक ग्रीन कॉरिडोर का निर्माण होने जा रहा है।
इसके लिए छावनी क्षेत्र में 21.81 हेक्टेयर सैन्य भूमि लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) को दी गई है। इस परियोजना से न सिर्फ एयरपोर्ट तक की सीधी कनेक्टिविटी मिलेगी, बल्कि बारिश के मौसम में छावनी क्षेत्र में होने वाले जलभराव की समस्या का भी स्थायी समाधान होगा।
सेना ने दी ग्रीन कॉरिडोर परियोजना को मंजूरी
लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने सैन्य अधिकारियों के साथ दिल्ली में बैठक कर इस परियोजना का प्रस्ताव रखा था। 23 सितम्बर को दिल्ली के साउथ ब्लॉक में आयोजित बैठक में सैन्य मंत्रालय ने पिपराघाट से शहीद पथ के बीच गोमती नदी के दाहिने तट पर 5.8 किलोमीटर लंबे फ्लड इम्बैंकमेंट (बंधा) और 4-लेन सड़क के निर्माण के लिए अनुमति प्रदान की।
इसमें से लगभग 2.8 किलोमीटर का हिस्सा छावनी क्षेत्र में आ रहा है, जिसके लिए 21.81 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता थी। मंगलवार को सैन्य मंत्रालय से अनुमति पत्र मिल गया है, जिसमें आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए हैं।
बंधा निर्माण से मिलेगा जलभराव से छुटकारा
इस परियोजना के तहत बनने वाले बंधा से छावनी क्षेत्र में जलभराव की समस्या का स्थायी समाधान हो जाएगा। बारिश के मौसम में सैन्य भूमि पर होने वाले जलभराव से सैनिकों और नागरिकों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
इस ग्रीन कॉरिडोर परियोजना के पूरा होने से न केवल यह समस्या हल होगी, बल्कि राजधानी की ट्रैफिक व्यवस्था में भी सुधार आएगा।
एयरपोर्ट तक सीधी कनेक्टिविटी से लोगों को राहत
इस ग्रीन कॉरिडोर से छावनी क्षेत्र में रहने वाले सेना के अधिकारी और आम नागरिक अब आसानी से एयरपोर्ट तक पहुंच सकेंगे। लखनऊ में एयरपोर्ट तक सीधी कनेक्टिविटी से यात्रियों को यात्रा में सहूलियत मिलेगी और समय की बचत होगी।
मंगलवार को सैन्य मंत्रालय का अनुमति पत्र प्राप्त हो गया है. इसमें सेना की तरफ से कुछ जरूरी दिशा-निर्देश दिये गये हैं, जिसका पालन सुनिश्चित कराते हुए स्थल पर बंधा का निर्माण कराया जाएगा…
इस महत्वपूर्ण परियोजना से राजधानी में इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार होगा और छावनी क्षेत्र में बुनियादी सुविधाओं में भी सुधार आएगा।
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