“प्रयागराज में RO और ARO परीक्षा स्थगित करने का विरोध कर रहे प्रतियोगी छात्रों ने आयोग से परीक्षा का नोटिफिकेशन जल्द जारी करने की मांग की। प्रदर्शनकारी छात्र-छात्राओं ने अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन जारी रखने का संकल्प लिया।”
प्रयागराज। उत्तर प्रदेश में प्रतियोगी छात्रों के द्वारा RO (रिविजिटिंग ऑफिसर) और ARO (असिस्टेंट रिविजिटिंग ऑफिसर) परीक्षा स्थगित करने के खिलाफ चल रहा प्रदर्शन अब भी जारी है। प्रदर्शनकारी छात्र-छात्राएं लगातार यह मांग कर रहे हैं कि राज्य कर्मचारी चयन आयोग (UPSSSC) को RO और ARO परीक्षा का नोटिफिकेशन तुरंत जारी करना चाहिए। उनका कहना है कि जब तक आयोग इस संबंध में कोई ठोस कदम नहीं उठाता, तब तक उनका विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा।
छात्रों का आरोप है कि आयोग ने परीक्षा का नोटिफिकेशन जारी करने में अनावश्यक देरी की है, जिससे उनके भविष्य के लिए संकट उत्पन्न हो गया है। प्रदर्शनकारी छात्रों का यह भी कहना है कि वे परीक्षा की प्रक्रिया को लेकर पूरी तरह से असंतुष्ट हैं, और जब तक आयोग इस मुद्दे पर कोई स्पष्ट निर्णय नहीं देता, तब तक उनका विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा।
READ IT ALSO : नेपथ्य में गुजरात मॉडल, योगी के यूपी मॉडल की ब्रांडिंग शुरू
सरकार ने हाल ही में पीसीएस (पब्लिक सर्विस कमिशन) परीक्षा को एक ही दिन और एक शिफ्ट में कराने के निर्देश दिए थे, जिससे छात्र-छात्राओं के बीच और भी आक्रोश पैदा हो गया। इस निर्णय का विरोध करते हुए प्रदर्शनकारी छात्रों का कहना है कि यह निर्णय उनके लिए समस्याओं का कारण बन सकता है। इसके अलावा, RO और ARO परीक्षा के लिए एक उच्चस्तरीय कमेटी गठित की गई है, जो परीक्षा को लेकर रिपोर्ट पेश करेगी। छात्रों का कहना है कि यह प्रक्रिया बेहद धीमी और समय बर्बाद करने वाली है, और उनके लिए जल्दी से जल्दी परीक्षा का आयोजन करना आवश्यक है।
छात्रों का यह भी कहना है कि परीक्षा के नोटिफिकेशन जारी करने से उनकी मानसिक स्थिति बेहतर हो सकती है, और उन्हें तैयारी के लिए सही दिशा मिल सकेगी। इस मुद्दे को लेकर विभिन्न छात्र संगठनों ने भी अपनी आवाज उठाई है, और इन संगठनों ने शासन से इस पर त्वरित निर्णय लेने की अपील की है।
प्रदर्शनकारी छात्र-छात्राओं ने स्पष्ट किया है कि वे तब तक अपना प्रदर्शन जारी रखेंगे, जब तक आयोग RO और ARO परीक्षा का नोटिफिकेशन जारी नहीं करता। इसके साथ ही, छात्रों का कहना है कि अगर उनकी यह मांग नहीं मानी जाती है, तो वे भविष्य में और भी बड़े विरोध प्रदर्शन कर सकते हैं।
छात्रों का यह आंदोलन न केवल राज्य सरकार के लिए, बल्कि राज्य कर्मचारी चयन आयोग के लिए भी एक चुनौती बन गया है, क्योंकि लगातार बढ़ता हुआ विरोध आयोग की कार्यशैली पर सवाल उठा रहा है। इसके साथ ही, छात्रों ने अन्य छात्रों से भी इस आंदोलन में जुड़ने की अपील की है। कई छात्र नेता और संगठनों ने इस मुद्दे पर राज्यभर में अन्य स्थानों पर भी प्रदर्शन आयोजित करने का ऐलान किया है।
देश-दुनिया से जुड़े राजनीतिक और सामयिक घटनाक्रम की विस्तृत और सटीक जानकारी के लिए जुड़े रहें विश्ववार्ता के साथ। ताज़ा खबरों, चुनावी बयानबाज़ी और विशेष रिपोर्ट्स को पढ़ने के लिए हमारे साथ बने रहें।
रिपोर्ट: मनोज शुक्ल