हाटा (कुशीनगर): ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है, और अब हैकर मोबाइल वेरीफिकेशन के बहाने भी धोखाधड़ी कर रहे हैं। एक नया मामला हाटा कोतवाली क्षेत्र के थरुहाडीह गांव में सामने आया है, जहां एक व्यक्ति का मोबाइल हैक कर हैकरों ने उसके बैंक खाते से तीन लाख पांच हजार रुपये उड़ा लिए। यह जानकारी उसे तब हुई जब वह बैंक स्टेटमेंट के लिए बैंक गया था।
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क्या हुआ था?
थरुहाडीह गांव के निवासी अभय गुप्ता ने हाटा कोतवाली पुलिस को तहरीर देकर बताया कि उसके पास एसबीआई और पीएनबी दोनों बैंकों में खाते हैं। 3 नवम्बर को उसके मोबाइल पर एक कॉल आई, जिसमें कहा गया कि उसका मोबाइल नंबर वेरीफाई करना है। कॉल करने वाले ने उसे एक मैसेज के जरिए वेरीफिकेशन करने का निर्देश दिया, जिसमें एक बटन दबाने की बात कही गई। अभय गुप्ता ने बटन दबा दिया, और इसके बाद उनका मोबाइल नेटवर्क बंद हो गया। काफी कोशिशों के बावजूद नेटवर्क फिर से शुरू नहीं हुआ।
जब अभय गुप्ता को बैंक स्टेटमेंट की आवश्यकता पड़ी, तो वह बैंक पहुंचा। वहां उसने स्टेटमेंट चेक किया तो यह देखकर उसके होश उड़ गए कि उसके खाते से तीन लाख पांच हजार रुपये निकाल लिए गए थे। हैकरों ने न केवल उसके बैंक खाते से पैसे उड़ा लिए, बल्कि उनका आधार नंबर और सिम कार्ड भी हैक कर लिया था।
मुकदमा दर्ज और पुलिस कार्रवाई
पीड़ित अभय गुप्ता ने इस घटना की जानकारी पुलिस को दी और तहरीर देकर बताया कि उसके साथ धोखाधड़ी हुई है। इस पर हाटा कोतवाली पुलिस ने सूचना प्रौद्योगिकी संशोधन अधिनियम, 2008 की धारा 66डी के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने आरोपियों को पकड़ने के लिए आवश्यक कदम उठाए हैं, और इस तरह की धोखाधड़ी से बचने के लिए जागरूकता फैलाने की योजना बनाई है।
धोखाधड़ी के बढ़ते मामले और सुरक्षा की आवश्यकता
यह घटना ऑनलाइन धोखाधड़ी के बढ़ते मामलों का एक और उदाहरण है, जो दिन-प्रतिदिन अधिक होते जा रहे हैं। मोबाइल नंबर की वेरीफिकेशन, ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड), और बैंक से जुड़ी अन्य गतिविधियों के माध्यम से हैकर अब आसानी से लोगों की जानकारी चुराकर उनके बैंक खातों से पैसे उड़ा रहे हैं। ऐसे में लोगों को अपनी सुरक्षा और सतर्कता पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।
साइबर सुरक्षा के विशेषज्ञों का कहना है कि किसी भी अनजान कॉल या मैसेज में बटन दबाने से बचना चाहिए, और बैंक से जुड़ी किसी भी जानकारी के लिए हमेशा ऑफिशियल चैनल्स का ही उपयोग करना चाहिए।
इस घटना ने यह साबित कर दिया कि ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामलों में नए-नए तरीके सामने आ रहे हैं। ऐसे मामलों में जागरूकता और सावधानी बेहद जरूरी है। पुलिस और अन्य संबंधित विभागों को इस तरह के अपराधों को रोकने के लिए और सख्त कदम उठाने होंगे, ताकि आम नागरिक सुरक्षित रह सकें।