नोएडा और ग्रेटर नोएडा में प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। निर्माण गतिविधियों पर जुर्माना और प्रदूषण नियंत्रण के लिए ज्वाइंट टीम गठित।
नोएडा। नोएडा और ग्रेटर नोएडा में प्रदूषण की गंभीर स्थिति के चलते ग्रेप-4 (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) लागू है, लेकिन इसके बावजूद निर्माण गतिविधियों पर पूर्ण रूप से अंकुश नहीं लग पा रहा है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और प्रशासन की सख्ती के बावजूद कुछ स्थानों पर निर्माण कार्य जारी रहने के कारण एक करोड़ चार लाख रुपये से अधिक का जुर्माना लगाया गया है। यह जुर्माना सेक्टर 62 और सेक्टर 44 में निर्माण गतिविधियां पाए जाने पर लगाया गया है।
निर्माण कार्य पर जुर्माना
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की जानकारी के अनुसार, ज्वाइंट टीम ने सेक्टर 62 में स्थित एक आईटी कंपनी में निर्माण कार्य जारी रहने पर 50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया। इसी प्रकार, सेक्टर 44 में निर्माण कार्य के लिए भी 50 लाख रुपये जुर्माना लगाया गया। इसके अलावा सेक्टर 16-ए और सेक्टर 98 में भी जुर्माना लगाया गया।
संयुक्त टीमों की निगरानी
प्रदूषण नियंत्रण को लेकर प्रशासन, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, प्राधिकरण और पुलिस विभाग की ज्वाइंट टीमें गठित की गई हैं। यह टीमें रात के समय निर्माण स्थल का निरीक्षण करेंगी, ताकि रात में चोरी-छिपे किए जा रहे निर्माण कार्यों को रोका जा सके। इसके अलावा, शहरवासियों को प्रदूषण नियंत्रण नियमों के बारे में जागरूक किया जाएगा, और स्कूलों में आउटडोर गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाया जाएगा।
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प्रदूषण का प्रभाव
नोएडा-ग्रेटर नोएडा में हवा की गुणवत्ता खतरनाक स्तर तक पहुंच चुकी है, और वातावरण में धूल की परत जमा हो गई है। इस कारण अस्थमा के रोगियों को ज्यादा परेशानी हो रही है, और लोग आंखों से पानी बहने की शिकायत कर रहे हैं।
प्रदूषण से निपटने के उपाय
प्राधिकरण ने प्रदूषण नियंत्रण के लिए 55 स्प्रिंकल टैंकर, 104 एंटी स्मॉग गन और 12 मैकेनिकल स्वीपिंग मशीनें तैनात की हैं। डीएम मनीष वर्मा ने अधिकारियों से सड़क पर पानी का छिड़काव और कूड़ा जलाने पर जुर्माना लगाने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा, स्कूलों में धूल या मिट्टी को रोकने के लिए पानी का छिड़काव और आउटडोर गतिविधियों पर प्रतिबंध लागू किया गया है।