लखनऊ: बाबा साहब भीमराव अंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय (बीबीएयू) के निलंबित कुलसचिव डॉ. अश्विनी कुमार पर 20 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लगाया गया है।
विश्वविद्यालय प्रशासन ने उन्हें चार्जशीट दी है और 10 दिनों के भीतर उनका जवाब मांगा है।
सूत्रों के अनुसार, डॉ. अश्विनी कुमार पर वित्तीय अनियमितताओं, अनुशासनहीनता और अन्य आरोपों के तहत चार्जशीट जारी की गई है।
यह कार्रवाई विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर एनएमपी वर्मा के आदेश पर की गई। कुलसचिव के खिलाफ लगे आरोपों में विश्वविद्यालय के वित्तीय प्रबंधन में गड़बड़ी और अन्य प्रशासनिक खामियां शामिल हैं।
बीबीएयू प्रशासन ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए निलंबन का आदेश जारी किया था, जिसमें डॉ. कुमार को किसी भी प्रकार की प्रशासनिक जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया गया है।
विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है और जल्द ही अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
बीबीएयू के इस विवाद ने विश्वविद्यालय के प्रशासनिक ढांचे पर सवाल खड़े कर दिए हैं। आरोपों के जवाब में डॉ. अश्विनी कुमार को 10 दिन का समय दिया गया है, जिसमें उन्हें अपना पक्ष रखने का अवसर मिलेगा।
विश्वविद्यालय प्रशासन मामले की जांच पूरी होने के बाद आगे की कार्रवाई करेगा, ताकि घोटाले के आरोपों की वास्तविकता का पता चल सके और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सके।