“26 नवंबर को हर साल राष्ट्रीय दूध दिवस मनाया जाता है, जो श्वेत क्रांति के जनक डॉ. वर्गीज कुरियन के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य दूध और दूध उत्पादों के महत्व को लेकर जागरूकता फैलाना है।”
नई दिल्ली। आज, 26 नवंबर को भारत में राष्ट्रीय दूध दिवस मनाया जा रहा है। यह दिन श्वेत क्रांति के जनक, डॉ. वर्गीज कुरियन के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। डॉ. कुरियन को भारत में ‘मिल्कमैन’ के नाम से भी जाना जाता है, जिन्होंने देश में दूध उत्पादन को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभाई।
राष्ट्रीय दूध दिवस का महत्व
राष्ट्रीय दूध दिवस का उद्देश्य दूध और इसके उत्पादों के महत्व के बारे में लोगों में जागरूकता पैदा करना है। यह दिन श्वेत क्रांति के दौरान डॉ. कुरियन द्वारा किए गए कार्यों को याद करने का एक माध्यम है, जिन्होंने भारत को दूध उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाया।
श्वेत क्रांति और डॉ. कुरियन
डॉ. वर्गीज कुरियन ने भारतीय ग्रामीण क्षेत्रों में दूध उत्पादकों के अधिकारों की रक्षा की और उनका सहयोग प्राप्त किया। उनके नेतृत्व में, भारतीय दुग्ध उद्योग ने अभूतपूर्व वृद्धि देखी, और इसने देश को दुनिया में सबसे बड़ा दूध उत्पादक बनाने में मदद की।
राष्ट्रीय दूध दिवस का इतिहास
भारत में पहली बार 26 नवंबर 2014 को राष्ट्रीय दूध दिवस मनाया गया था। इस दिन का उद्देश्य न केवल दूध के पोषक गुणों के बारे में जागरूकता फैलाना है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करना है कि देश के नागरिकों को शुद्ध और पोषक तत्वों से भरपूर दूध मिल सके।
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