“योगी सरकार ने एटा में बड़ी कार्रवाई करते हुए 1993 से 1995 के बीच बिना आदेश के नौकरी पाने वाले 24 बाबू को बर्खास्त कर दिया। इन बाबूओं से सैलरी की रिकवरी के आदेश भी जारी किए गए हैं।”
एटा। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए 30 साल पहले बिना किसी सरकारी आदेश के नौकरी पाने वाले 24 बाबू को बर्खास्त कर दिया है। यह कार्रवाई एटा जिले में की गई, जिसमें 13 बाबू एटा जिले से और 11 कासगंज जिले से हैं (जो तब एटा जिले का हिस्सा था)।
बर्खास्त बाबू की पहचान और सैलरी रिकवरी
इन बाबूओं में से 15 लिपिक तो अब तक सेवानिवृत्त हो चुके हैं, लेकिन अन्य बाबू अब भी सेवा में हैं। योगी सरकार ने इन सभी बाबूओं से अवैध तरीके से प्राप्त सैलरी की रिकवरी का आदेश भी जारी कर दिया है। यह कदम उन लोगों के लिए एक चेतावनी है जो बिना किसी आदेश के सरकारी पदों पर नियुक्त हो जाते हैं।
सैलरी की रिकवरी पर सख्त आदेश
इन बाबूओं ने 1993 से 1995 के बीच बिना उचित आदेश के सरकारी पदों पर नौकरी की और अब योगी सरकार ने इन्हें बर्खास्त कर दिया है। सरकार ने इनसे सैलरी की रिकवरी के आदेश जारी किए हैं, और इस कदम से यह साबित होता है कि सरकार अपने कर्मचारियों की नियुक्तियों और वेतन के मामले में कोई समझौता नहीं करेगी।
योगी सरकार की ओर से कार्रवाई
इस कार्रवाई से यह स्पष्ट हो गया है कि योगी सरकार भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करती है, चाहे मामला कितना भी पुराना क्यों न हो। उत्तर प्रदेश की सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि ऐसी घटनाओं को लेकर भविष्य में और भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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मनोज शुक्ल