“उत्तर प्रदेश के आम को वैश्विक बाजारों में नई पहचान देने के लिए योगी सरकार ने बड़े कदम उठाए हैं। रेडिएशन ट्रीटमेंट प्लांट, कैनोपी प्रबंधन, और निर्यात महोत्सवों के जरिए आम की गुणवत्ता और उत्पादन को बढ़ावा दिया जा रहा है।”
लखनऊ। उत्तर प्रदेश, भारत का सबसे बड़ा आम उत्पादक राज्य, अब निर्यात के क्षेत्र में भी बड़ी छलांग लगाने की तैयारी में है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने आम की उत्पादकता, गुणवत्ता, और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
उत्पादन और गुणवत्ता में सुधार के प्रयास:
- कैनोपी प्रबंधन: पुराने बागों के छत्र प्रबंधन के जरिए प्रति हेक्टेयर उपज को 16 टन से बढ़ाकर 20 टन करने का लक्ष्य।
- वैज्ञानिक खेती: केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान द्वारा नई प्रजातियों, जैसे अंबिका और अरुणिमा, को बढ़ावा।
निर्यात की तैयारियां:
- रेडिएशन ट्रीटमेंट प्लांट: जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास रेडिएशन ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित होगा, जिससे अमेरिका और यूरोप के बाजारों के मानकों को पूरा किया जा सके।
- अंतरराष्ट्रीय महोत्सव: मास्को और अमेरिका में आम महोत्सव आयोजित कर यूपी के आमों की ब्रांडिंग।
- दशहरी की ऐतिहासिक उड़ान: पहली बार मलिहाबाद का दशहरी अमेरिका निर्यात हुआ, जहां इसकी कीमत ₹900 प्रति किलोग्राम तक पहुंची।
उत्पादन और रकबे में वृद्धि:
- आम की खेती का रकबा 265.62 हजार हेक्टेयर हो गया है।
- उत्पादन में यूपी का राष्ट्रीय औसत 25% तक पहुंच गया है।
- वैश्विक बाजार में चुनौतियां और संभावनाएं:
- भारत का आम निर्यात वैश्विक स्तर पर मात्र 0.52% है।
- थाईलैंड, मैक्सिको जैसे देशों से प्रतिस्पर्धा, लेकिन यूपी सरकार के प्रयास इसे बदलने की दिशा में हैं।
सरकार की अन्य पहलें:
- रायबरेली में उद्यान महाविद्यालय की स्थापना।
- हर जिले में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का निर्माण।
- एक्सप्रेसवे नेटवर्क के जरिए उत्पाद को जल्द एक्सपोर्ट हब तक पहुंचाना।
योगी सरकार के ये प्रयास उत्तर प्रदेश के बागवानों को न केवल बेहतर आय का अवसर देंगे, बल्कि राज्य को वैश्विक स्तर पर पहचान भी दिलाएंगे।
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मनोज शुक्ल