“महाराष्ट्र के कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को डिप्टी सीएम या केंद्रीय मंत्री बनने का ऑफर, भाजपा हाईकमान से चर्चा के बाद 1 दिसंबर को होगा मुख्यमंत्री का ऐलान। जानें पूरी खबर विस्तार से।”
मुंबई। आज मुंबई में महायुति (भा.ज.पा., शिवसेना शिंदे गुट, एनसीपी अजित पवार) की अहम बैठक को रद्द कर दिया गया। इसके तुरंत बाद कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अचानक सातारा जाने का निर्णय लिया। यह कदम भाजपा हाईकमान से दिल्ली में हुई बैठक के बाद उठाया गया है। सूत्रों के अनुसार, शिंदे को भाजपा द्वारा डिप्टी मुख्यमंत्री या केंद्रीय मंत्री बनने का प्रस्ताव दिया गया है।
1 दिसंबर को होगा मुख्यमंत्री के नाम पर अंतिम निर्णय:
सूत्रों ने बताया कि शिंदे ने भाजपा को समय दिया है ताकि वह 1 दिसंबर को होने वाली भाजपा विधायक दल की बैठक में मुख्यमंत्री के नाम पर अंतिम निर्णय ले सकें। इस बैठक में भाजपा के दो ऑब्जर्वर की मौजूदगी में मुख्यमंत्री का नाम तय किया जाएगा। पार्टी मराठा नेताओं के नाम पर भी विचार कर सकती है, क्योंकि महाराष्ट्र विधानसभा में मराठा समुदाय का बड़ा राजनीतिक प्रभाव है।
भाजपा मराठा चेहरे पर कर रही है विचार :
गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ शिंदे, देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार की बैठक में चर्चा हुई कि मुख्यमंत्री के पद पर फैसला जातीय गणित को ध्यान में रखते हुए लिया जाएगा। मराठा समुदाय का महाराष्ट्र की राजनीति में महत्वपूर्ण स्थान है, और उनकी संख्या विधानसभा में बड़ी है। इस वजह से भाजपा मराठा नेताओं के नाम पर भी विचार कर रही है।
जातीय गणित का असर और शिंदे का केंद्रीय मंत्री बनने का विचार:
शिंदे के सातारा जाने का कारण भी यह माना जा रहा है कि उन्होंने अमित शाह को राज्य के सभी विभागों के लिए संभावित पोर्टफोलियो सौंपे हैं। भाजपा का मानना है कि केंद्र सरकार का समर्थन राज्य के विकास के लिए अहम है, और इस समय शिंदे को केंद्रीय मंत्री बनने का प्रस्ताव भी दिया गया है। अगर शिंदे केंद्रीय मंत्री बनने का निर्णय लेते हैं, तो उनके गुट से किसी अन्य नेता को डिप्टी सीएम बनाने का विचार किया जा सकता है।
भविष्य में मुख्यमंत्री का फैसला:
जैसा कि अब 1 दिसंबर को भाजपा विधायक दल की बैठक में मुख्यमंत्री के नाम पर अंतिम फैसला लिया जाएगा, भाजपा नेतृत्व ने पार्टी के भीतर की शक्ति संतुलन और राज्य की राजनीतिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया है। इस दौरान भाजपा मराठा नेताओं के अलावा अन्य जातीय समीकरणों का भी ध्यान रख सकती है।
भविष्य में शिंदे के राजनीतिक कदम:
यह निर्णय भाजपा की रणनीतिक योजना का हिस्सा है, जिसमें राज्य के राजनीतिक संतुलन को सुनिश्चित करने के लिए जातीय गणित को सही तरीके से जोड़ा जाएगा। भाजपा के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, आरएसएस के दबाव के चलते फडणवीस के मुख्यमंत्री बनने की संभावना अधिक दिखाई दे रही है, लेकिन शिंदे के केंद्रीय मंत्री बनने के विकल्प को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
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विशेष संवाददाता — मनोज शुक्ल