“जामा मस्जिद और नीलकंठ महादेव मंदिर विवाद को लेकर असदुद्दीन ओवैसी का बयान। 3 दिसंबर को कोर्ट में सुनवाई, एएसआइ और यूपी सरकार का मामला, ओवैसी का तंज।”
लखनऊ। बदायूं की जामा मस्जिद और नीलकंठ महादेव मंदिर से जुड़ा विवाद अब और तूल पकड़ने लगा है। शनिवार को इस मामले की सुनवाई के बाद ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। ओवैसी ने एक्स (Twitter) पर लिखा कि, “बदायूं की जामा मस्जिद को भी निशाना बनाया गया है। अदालत में इस मामले में 2022 में केस दर्ज किया गया था और इसकी अगली सुनवाई अब 3 दिसंबर को होगी।

ओवैसी ने आरोप लगाया कि एएसआइ (आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया) और उत्तर प्रदेश सरकार दोनों इस मामले में पार्टी हैं, और उन्हें 1991 एक्ट के तहत अपनी बात रखनी होगी। ओवैसी ने यह भी कहा कि हिंदुत्ववादी संगठन इस मामले में किसी भी हद तक जा सकते हैं, और उन्हें रोकना भारत की शांति और एकता के लिए जरूरी है।
इसके साथ ही ओवैसी ने तंज कसते हुए लिखा कि आने वाली पीढ़ियों को एआइ (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) की पढ़ाई के बजाय एएसआइ की खोदाई में व्यस्त किया जा रहा है। उनका यह बयान सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से चर्चा का विषय बना हुआ है।
3 दिसंबर को इस मामले की सुनवाई होने वाली है, जिसमें अदालत द्वारा इस विवाद पर निर्णय लिया जाएगा। यह मामला न केवल धार्मिक भावनाओं से जुड़ा है, बल्कि भारतीय कानून और संविधान से भी जुड़ा हुआ है, खासकर 1991 के अधिनियम के तहत।
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