“मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर में महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के 92वें संस्थापक सप्ताह समारोह में कहा कि समय के अनुरूप खुद को तैयार करना जरूरी है। उन्होंने सामूहिकता, टीम वर्क और शिक्षा के महत्व पर भी विचार व्यक्त किए। नोबल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने करुणा और वैश्विक एकता की आवश्यकता पर जोर दिया।
गोरखपुर: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के 92वें संस्थापक सप्ताह समारोह के समापन अवसर पर कहा कि समय के अनुसार खुद को तैयार करना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि कालचक्र निरंतर चलता रहता है, और जो समय की धारा के अनुसार खुद को ढालते हैं, वही आगे बढ़ते हैं। समय के अनुरूप सोचने और चलने की आदत डालनी चाहिए, अन्यथा पीछे छूटने का खतरा रहता है।
सीएम योगी ने इस अवसर पर नोबल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी का स्वागत करते हुए उनके जीवन से प्रेरणा लेने की बात कही। उन्होंने कहा कि टीम वर्क और सामूहिकता की भावना से किए गए प्रयास हमेशा सार्थक परिणाम लाते हैं, और इसका बेहतरीन उदाहरण इंसेफेलाइटिस पर नियंत्रण की सफलता है। 2017 में जब उनकी सरकार ने इसे चुनौती दी, तो सरकारी विभागों और संगठनों की संयुक्त टीम के प्रयासों से 40 साल पुरानी समस्या का समाधान दो वर्षों में हुआ।
मुख्यमंत्री ने युवाओं से अपील की कि वे मोबाइल फोन के अत्यधिक उपयोग से बचें और अपना समय रचनात्मक गतिविधियों और कौशल विकास में लगाएं। साथ ही, उन्होंने युवाओं को यह संदेश दिया कि यदि वे अपनी रुचि के अनुसार कुछ नया करने का प्रयास करेंगे, तो सफलता उन्हें अवश्य मिलेगी।
कैलाश सत्यार्थी ने अपने संबोधन में करुणा की महत्ता को बताया और कहा कि आज दुनिया जितनी विभाजित है, उतनी कभी नहीं थी। उन्होंने मानवता के उद्धार में मुख्यमंत्री योगी की भूमिका की सराहना की। सत्यार्थी ने कहा कि हमें ज्ञान का लोकतंत्रीकरण करना होगा और भारतीय मनीषा में समग्र विकास का विचार अपनाना चाहिए।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी और कैलाश सत्यार्थी ने शिक्षा, समाज सेवा, और विकास के लिए संस्थाओं और मेधावियों को पुरस्कृत किया। इसके अलावा, शिप्रा सिंह की पुस्तक ‘शिक्षा की भारतीय अवधारणा’ का विमोचन भी किया गया।
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