लखनऊ: इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने अवस्थापना व औद्योगिक विकास के प्रमुख सचिव अनिल सागर के दो फैसले निरस्त कर दिए। साथ ही मामले की फिर सुनवाई कर छह सप्ताह में निर्णय लेने का आदेश दिया।
न्यायमूर्ति की एकल पीठ ने यूजी पंकज भाटिया प्राइवेट लिमिटेड व अन्य की याचिका पर यह फैसला सुनाया।
दरअसल, यमुना प्राधिकरण के सीईओ ने नियमों के मुताबिक आवंटन के 18 महीने बाद भी निर्माण नहीं कराने पर 14 बिल्डरों का आवंटन निरस्त कर दिया था। इनमें तीन बिल्डरों ने अनिल सागर के पास अपील की। सागर ने यूजी इंफ्रास्ट्रक्चर की अपील खारिज कर दी। वहीं, सन व्हाइट बिल्डर का रद्द आवंटन बहाल कर दिया,
जबकि ग्रोथ इंफ्रास्ट्रक्चर के मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया. इसके बाद यूजी इंफ्रास्ट्रक्चर ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।
हाईकोर्ट ने लापरवाही का मामला मानते हुए सरकार से प्रमुख सचिव को हटाने को कहा था। प्रदेश सरकार ने अनिल सागर को प्रमुख सचिव और यमुना प्राधिकरण के चेयरमैन पद से हटा दिया।
हाईकोर्ट ने सोमवार को सागर के फैसले निरस्त करते हुए फिर सुनवाई कर छह सप्ताह में निर्णय लेने का आदेश दिया।