“GST परिषद ने किसानों और स्वास्थ्य क्षेत्र को राहत दी है। जीन थेरेपी टैक्स-फ्री, फोर्टिफाइड राइस पर टैक्स घटकर 5% और किशमिश व काली मिर्च पर किसानों को टैक्स से छूट।”
नई दिल्ली। GST परिषद की हालिया बैठक में कई अहम निर्णय लिए गए। किसानों, स्वास्थ्य क्षेत्र और पेमेंट एग्रीगेटर्स को ध्यान में रखते हुए टैक्स ढांचे में बदलाव किए गए हैं।
- जीन थेरेपी हुई टैक्स-फ्री
स्वास्थ्य क्षेत्र में बड़ा कदम उठाते हुए जीन थेरेपी को पूरी तरह से टैक्स-फ्री कर दिया गया है। यह निर्णय गंभीर बीमारियों के इलाज को सस्ता और सुलभ बनाने के लिए लिया गया है।
- फोर्टिफाइड राइस पर टैक्स में कटौती
फोर्टिफाइड राइस केरनल्स पर GST को 18% से घटाकर 5% कर दिया गया है। यह चावल सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के तहत वितरित किया जाता है, जिससे गरीब वर्ग को सीधा लाभ मिलेगा।
- किसानों के लिए राहत: काली मिर्च और किशमिश टैक्स-फ्री
GST परिषद ने स्पष्ट किया है कि किसान अगर काली मिर्च और किशमिश बेचते हैं, तो इस पर कोई GST नहीं लगेगा। इससे कृषि उत्पादों के व्यापार को बढ़ावा मिलेगा।
- 2000 रुपये से कम भुगतान पर GST छूट
पेमेंट एग्रीगेटर्स के माध्यम से 2000 रुपये से कम के डिजिटल भुगतान पर GST से छूट दी गई है। यह डिजिटल भुगतान को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
- GST परिषद के ये निर्णय न केवल आर्थिक क्षेत्र में संतुलन बनाएंगे, बल्कि किसानों और स्वास्थ्य क्षेत्र को भी नई दिशा देंगे।
- GST परिषद के ये फैसले भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूती देंगे। किसानों और स्वास्थ्य क्षेत्र को मिली छूट ने विकास के नए द्वार खोल दिए हैं।
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विशेष संवाददाता: मनोज शुक्ल।
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