“चीन के लद्दाख में नई काउंटियां बनाने और ब्रह्मपुत्र नदी पर डैम प्रोजेक्ट को लेकर भारत ने जताई सख्त आपत्ति। भारत ने इसे अपनी संप्रभुता का उल्लंघन बताते हुए कड़ा विरोध दर्ज कराया।”
नई दिल्ली। भारत ने चीन द्वारा लद्दाख क्षेत्र के कुछ हिस्सों को अपनी नई काउंटियों में शामिल करने और ब्रह्मपुत्र नदी पर डैम बनाने के फैसले पर कड़ी आपत्ति जताई है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया, “चीन के इन कदमों से भारत की संप्रभुता पर कोई असर नहीं पड़ेगा। हमने राजनयिक माध्यम से विरोध दर्ज कराया है।”

लद्दाख विवाद:
चीन ने हाल ही में अपने होतान प्रांत में दो नई काउंटियां, हेआन और हेकांग, बनाने की घोषणा की है। इन काउंटियों में शामिल कुछ इलाके भारत के केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख का हिस्सा हैं। भारत ने इसे अवैध बताते हुए तीखा विरोध जताया है।
ब्रह्मपुत्र नदी पर डैम विवाद:
चीन तिब्बत में यारलुंग त्सांगपो (ब्रह्मपुत्र) नदी पर दुनिया का सबसे बड़ा डैम बना रहा है। भारत ने इस परियोजना पर गहरी चिंता व्यक्त की है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह डैम निचले इलाकों में पानी के बहाव को प्रभावित कर सकता है, जिससे भारत और बांग्लादेश जैसे देशों को नुकसान हो सकता है।
चीन ने इस परियोजना का बचाव करते हुए कहा कि यह डैम भूकंप-प्रवण क्षेत्र में दशकों की रिसर्च के बाद बनाया जा रहा है।
भारत की चिंताएं:
भारत ने कहा है कि ब्रह्मपुत्र के जल का उपयोग भारत के कई राज्यों में होता है। इस प्रोजेक्ट से इन इलाकों पर गहरा असर पड़ सकता है। भारत ने चीन से अनुरोध किया है कि वह इस प्रोजेक्ट को डाउनस्ट्रीम देशों के हितों को ध्यान में रखते हुए डिजाइन करे।
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