आगरा के एक पेठा व्यापारी परिवार ने महाकुंभ के दौरान अपनी 13 वर्षीय बेटी राखी को जूना अखाड़े को दान किया है। अब उसे साध्वी गौरी के नाम से जाना जाएगा। यह घटना समाज और धार्मिक परंपराओं को एक नया दृष्टिकोण प्रदान करती है। पूरी जानकारी के लिए पढ़ें।
आगरा ढौकी थाना क्षेत्र के ट्रकपुरा गांव में रहने वाले पेठा व्यवसाई के परिवार ने एक अनोखा और ऐतिहासिक कदम उठाया है। महाकुंभ के दौरान, परिवार ने अपनी 13 वर्षीय बेटी राखी को जूना अखाड़े को दान देने का निर्णय लिया। यह कदम धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं को साकार करने की दिशा में उठाया गया है।
राखी, जो कि कक्षा 9 की छात्रा थी, अब साध्वी गौरी के नाम से जानी जाएगी। यह कदम उस समय उठाया गया जब परिवार महाकुंभ में भाग लेने के लिए पहुंचा। इस फैसले ने न केवल परिवार बल्कि पूरे इलाके को चौंका दिया, क्योंकि यह एक बहुत बड़ा धार्मिक और सांस्कृतिक निर्णय था।
जूना अखाड़े में दान की जाने वाली यह परंपरा काफी पुरानी है, जिसमें परिवार अपने बच्चों को साधु-संतों के रूप में समर्पित करते हैं। अब राखी उर्फ साध्वी गौरी का नाम इसी अखाड़े में शामिल होगा, जो समाज में एक सकारात्मक संदेश देने के साथ-साथ धार्मिक परंपराओं के प्रति गहरी श्रद्धा और सम्मान को दर्शाता है
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