मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रीराम जन्मभूमि मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ पर आयोजित प्रतिष्ठा द्वादशी कार्यक्रम में सत्य, संघर्ष और मंदिर निर्माण के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने अयोध्या के विकास को देश की धार्मिक, सांस्कृतिक और राष्ट्रीय एकता का प्रतीक बताया।
अयोध्या, 11 जनवरी: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में प्रभु रामलला के श्रीविग्रह की प्राण-प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ के मौके पर आयोजित प्रतिष्ठा द्वादशी कार्यक्रम में भाग लिया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सत्य को किसी भी हाल में धुंधला नहीं किया जा सकता, और एक दिन वह सत्य उजागर होगा।
अयोध्या में प्रभु रामलला के भव्य मंदिर का निर्माण न केवल भारतीय संस्कृति और सभ्यता का प्रतीक है, बल्कि यह एक लोकतांत्रिक और संविधानिक संघर्ष की जीत भी है।सीएम योगी ने कार्यक्रम में कहा, “यह मंदिर केवल धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि एक प्रेरणा का केंद्र बनेगा। अयोध्या की पहचान अब बदल चुकी है, जहां हर दिन लाखों श्रद्धालु रामलला के दर्शन के लिए आ रहे हैं। अयोध्या अब अपनी धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर के साथ एक नया रूप ले चुकी है।”उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि राम मंदिर के निर्माण के लिए संघर्ष करने वाली पीढ़ियों को कभी न भुलाया जाएगा, जिनके बलिदान के कारण आज यह मंदिर संभव हो पाया है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि अयोध्या का विकास केवल एक धार्मिक स्थल के रूप में नहीं, बल्कि राष्ट्रीय एकता और सांस्कृतिक गौरव के प्रतीक के रूप में हो रहा है।
अयोध्या की नई पहचान, जो पहले के मुकाबले कई कदम आगे बढ़ चुकी है, अब एक अंतरराष्ट्रीय शहर बन चुकी है। अयोध्या में नया इंटरनेशनल एयरपोर्ट, फोरलेन सड़कों और धार्मिक स्थलों का भव्य रूप इस बात का प्रमाण है कि यह नगर अब दुनिया के सबसे प्रमुख धार्मिक और सांस्कृतिक स्थलों में से एक बनने जा रहा है।
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