“महाकुंभ 2025 के दौरान काशी विश्वनाथ मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए नई व्यवस्थाएं लागू की गई हैं। मंदिर प्रशासन ने स्पर्श दर्शन पर प्रतिबंध और वीआईपी प्रोटोकॉल को सस्पेंड किया है। सुरक्षा और सुविधा के लिए कई कदम उठाए गए हैं।”
वाराणसी: महाकुंभ 2025 के दौरान वाराणसी में श्रद्धालुओं की भारी तादाद आने की उम्मीद जताई जा रही है। काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन ने श्रद्धालुओं के बेहतर अनुभव के लिए महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। इस दौरान स्पर्श दर्शन पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है और वीआईपी प्रोटोकॉल को सस्पेंड कर दिया गया है।
मंदिर प्रशासन ने स्पष्ट रूप से कहा है कि महाकुंभ के डेढ़ महीने के मेले के दौरान गर्भगृह में श्रद्धालुओं का प्रवेश वर्जित रहेगा। केवल पुजारी, अर्चक और सफाई कर्मचारी ही गर्भगृह में जा सकेंगे। इस निर्णय के पीछे श्रद्धालुओं के सुरक्षित और सहज दर्शन सुनिश्चित करने का उद्देश्य है।
इसके साथ ही, पर्यटन विभाग, पुलिस प्रशासन, सीआरपीएफ, पीएसी और अन्य सुरक्षा बलों के साथ मिलकर सुरक्षा व्यवस्था को और सुदृढ़ किया गया है। एनडीआरएफ के साथ भी एक कार्य योजना तैयार की गई है ताकि किसी भी आपात स्थिति का तुरंत समाधान किया जा सके।
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काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन ने कहा कि श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधा देने और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर स्तर पर तैयारियां पूरी की जा चुकी हैं। महाकुंभ के दौरान मंदिर में लागू किए गए श्रावण मास के प्रोटोकॉल का पालन किया जाएगा।
साथ ही, मंदिर प्रशासन ने यह भी सुनिश्चित किया है कि खाद्य सुरक्षा और अग्नि सुरक्षा विभाग से पत्राचार कर आवश्यक कदम उठाए गए हैं। यह कदम श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए उठाए गए हैं ताकि किसी भी प्रकार की असुविधा से बचा जा सके।
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