अमेरिकी ट्रंप प्रशासन चीन की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस लैब DeepSeek पर सख्त प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रहा है। सूत्रों के मुताबिक, DeepSeek को NVIDIA की एडवांस्ड AI चिप्स खरीदने से रोका जा सकता है। इसके साथ ही अमेरिकी नागरिकों की DeepSeek AI सेवाओं तक पहुंच भी सीमित की जा सकती है।
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यह कदम अमेरिका और चीन के बीच तेज़ होती तकनीकी होड़ का हिस्सा माना जा रहा है। गौरतलब है कि पिछले कुछ महीनों में DeepSeek ने अपने सस्ते और प्रभावशाली AI मॉडल्स से सिलिकॉन वैली और वॉल स्ट्रीट को चौंका दिया है। इसके चलते अमेरिका के कई डेवलपर्स और कंपनियाँ DeepSeek के प्लेटफॉर्म का रुख करने लगी हैं।
हाल ही में व्हाइट हाउस ने NVIDIA की AI चिप्स की चीन को बिक्री पर और सख्त नियम लागू किए हैं। ये नियम बाइडन प्रशासन के पहले से लागू निर्यात नियंत्रण को और मजबूत करते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप प्रशासन का ये नया फैसला, चीन की टेक्नोलॉजी कंपनियों पर दबाव बनाने की रणनीति का हिस्सा हो सकता है।
हालांकि DeepSeek की तेजी से बढ़ती लोकप्रियता के साथ कई विवाद भी सामने आए हैं। अमेरिकी AI कंपनी OpenAI ने आरोप लगाया है कि DeepSeek ने उसके GPT मॉडल्स को बिना अनुमति डिस्टिल कर कॉपी किया है। OpenAI का कहना है कि इससे उनके Terms of Use का उल्लंघन हुआ है।
मौजूदा हालात में ट्रंप प्रशासन की इस कार्रवाई से अमेरिकी टेक उद्योग और चीन के बीच तनाव और गहराने की संभावना है। क्योंकि यदि DeepSeek पर प्रतिबंध लगते हैं, तो अमेरिकी टेक कंपनियों और डेवलपर्स को सीमित विकल्पों के साथ काम करना पड़ेगा।
अमेरिका-चीन के बीच AI टेक्नोलॉजी पर हो रही यह प्रतिस्पर्धा अब वैश्विक स्तर पर चिंता का विषय बन गई है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि ट्रंप प्रशासन इस दिशा में क्या अंतिम फैसला लेता है।