कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने गहन जांच शुरू की है। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि 15 स्थानीय कश्मीरी ओवरग्राउंड वर्कर्स (OGWs) ने हमलावरों की मदद की थी। इलेक्ट्रॉनिक निगरानी और फोन रिकॉर्ड्स से यह जानकारी सामने आई है कि इन स्थानीय मददगारों ने आतंकवादियों को रसद, हथियारों की आपूर्ति और सुरक्षित पनाहगाह प्रदान की थी। इसमें से तीन प्रमुख संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि दो अन्य की तलाश जारी है।
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हमले के बाद सुरक्षा बलों ने आतंकवादियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है। अब तक 9 आतंकवादियों के घर ध्वस्त किए जा चुके हैं, और 60 से अधिक स्थानों पर छापेमारी की गई है। इस दौरान कई संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि हमलावरों और उनके संरक्षकों को कड़ी सजा दी जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि आतंकवाद के खिलाफ भारत की एकता और संकल्प अडिग है।
इस हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिनमें 25 भारतीय नागरिक और एक नेपाली नागरिक शामिल थे। हमलावरों ने पर्यटकों को पहचानकर निशाना बनाया और कुछ से इस्लामी कलमा पढ़ने को कहा। इस घटना ने कश्मीर में पर्यटन उद्योग को भी गहरा धक्का पहुंचाया है।