सपा विधानसभा टिकट फॉर्मूला को लेकर राजधानी लखनऊ में समाजवादी पार्टी ने आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र एक नई रणनीति तैयार की है। पार्टी अब पुराने तरीकों से आगे बढ़ते हुए संगठन की सक्रियता और बूथ स्तर की मजबूती को प्राथमिकता दे रही है।
पार्टी सूत्रों के अनुसार, अब विधानसभा चुनाव के छह महीने पहले ही प्रत्याशियों की घोषणा कर दी जाएगी। इसका उद्देश्य है कि प्रत्याशी पहले से क्षेत्र में सक्रिय होकर जनसंपर्क कर सकें और मतदाताओं तक पार्टी की नीतियों को पहुंचा सकें।

प्रदेश मुख्यालय की ओर से जिला और शहर इकाइयों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने क्षेत्र में सक्रिय कार्यकर्ताओं की सूची तैयार करें और उनके प्रदर्शन के आधार पर दावेदारों की रिपोर्ट बनाएं।
पार्टी ने कहा है कि जो नेता और कार्यकर्ता बूथ स्तर पर सक्रिय रहेंगे, उनकी दावेदारी मजबूत मानी जाएगी। साथ ही, पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को आपसी शिकायतों से बचने की सलाह भी दी गई है, ताकि संगठन में एकजुटता बनी रहे।
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सपा ने सभी कार्यकर्ताओं को निर्देशित किया है कि वे PDA (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) कार्ड और पर्चे घर-घर पहुंचाएं। साथ ही, मतदाता सूचियों पर सतत निगरानी रखने की भी जिम्मेदारी दी गई है। इसका मकसद यह है कि वास्तविक समर्थकों के नाम सूची में दर्ज हों और चुनाव के समय वोट प्रतिशत में गिरावट न हो।
सक्रियता को प्राथमिकता देने की इस रणनीति से न केवल प्रत्याशियों की छंटनी आसान होगी, बल्कि संगठन को जमीनी स्तर पर मजबूती भी मिलेगी। माना जा रहा है कि यह फॉर्मूला 2027 विधानसभा चुनाव में सपा की स्थिति को निर्णायक रूप से प्रभावित कर सकता है।
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