कौशांबी। फरार कुख्यात अपराधी रामदास पाल एवं तीन सिपाहियों के खिलाफ जिले के सैनी थाने में शनिवार की रात मुकदमा दर्ज किया गया। फरार अपराधी की तलाश में दबिश दी जा रही है। बतादें कि शनिवार को मंझनपुर कचेहरी से पेशी के बाद फतेहपुर जेल जा रहा कैदी चलती डीसीएम को कूदकर फरार हो गया। इसकी सूचना जैसे ही कौशांबी पुलिस को हुई। आनन-फानन जिले की सीमाएं सील कर आरोपी तलाश शुरू कर दिया। लेकिन खबर लिखे जाने तक फरार बंदी रामदास पाल का कोई सुराग पुलिस नहीं लगा सकी। इस सम्बन्ध में शनिवार की रात बंदी रक्षक यशवंत सिंह, कमलापति त्रिपाठी व कृष्ण कुमार एवं फरार अपराधी रामदास के खिलाफ धारा 223ध्224 के तहत सैनी थाने में मुकदमा दर्ज किया गया। जिले के सरायअकिल थाना क्षेत्र के कोटिया निवासी रामदास पाल पुत्र सुखलाल पाल हत्या व हत्या के प्रयास जैसे दर्जन भर से अधिक मामलों के आरोप में जेल में बंद था। लगभग छह माह पहले कौशांबी जिला जेल में हुई मारपीट के बाद उसे फतेहपुर जेल में स्थानांतरित कर दिया गया था। शनिवार की सुबह बंदी रक्षक यशवंत सिह, कमलापति त्रिपाठी व कृष्ण कुमार रामदास को पेशी पर मंझनपुर कोतवाली ले जा रहे थे। शाम लगभग पांच बजे सिपाही उसे सैनी कोतवाली के पास एक डीसीएम में बैठाकर फतेहपुर की ओर जा रहे थे। जैसे ही डीसीएम चलने लगी, रामदास डीसीएम से हथकड़ी सहित कूद गया और एक काली पल्सर पर सवार होकर अझुवा की ओर फरार हो गया। गुरुकुल के पास से सिराथू की ओर मुड़ कर गायब हो गया। सिपाहियों ने इसकी जानकारी जैसे ही अधिकारियों को दी। पूरे जिले की पुलिस हरकत में आ गई। एसपी ने सभी थानों में एलर्ट जारी करते हुए उसकी गिरफ्तारी के लिए जिले की सीमाओं को सील कर आरोपी की तलाश शुरू कर दी। शनिवार की रात तक रामदास की तलाश में पुलिस क्षेत्र में दबिश देती रही। लेकिन रविवार सुबह तक उसका कोई सुराग नहीं लग पाया था।
रिश्तेदारों पर पुलिस की निगाह-
जिस थाना क्षेत्र में रामदास की रिश्तेदारियां पड़ती है। एसपी की ओर से उन थाना क्षेत्रों को विशेष सतर्क रहने का निर्देश दिया है। रामदास की गिरफ्तारी के लिए एसओ को भी सक्रिय कर दिया गया। रविवार सुबह तक पुलिस को उसके बारे में कोई सुराग नहीं लगा।
2011 में भी भाग चुका है रामदास-
कोखराज थाना क्षेत्र में दोहरी हत्या को अंजाम देने के बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। जेले से जिला कचेहरी में पेशी पर आने के दौरान रामदास कचेहरी में बने लाकर से कोर्ट जाते से सिपाही का हाथ छुड़ाकर कचेहरी की दीवार फांकर फरार हो चुका है। फरारी के बाद रामदास ने कोटियां गांव में एक हत्या को अंजाम दिया। जिसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था। लेकिन इसके बावजूद भी पुलिस एवं जिलाजेल प्रशासन नहीं जागा।
जेल में हत्या की लेता था सुपाड़ी-
जेल में बंद होने के बाद भी रामदास की अपराध में सक्रिय रहा। पुलिस की जांच में भी इसका खुलास हो चुका है। रामदास जेल में अंदर ही हत्या की सुपाडी लेकर सूटरों के माध्यम से हत्या को अंजाम दिया करता था। एक साल पहले पिपरी थाना क्षेत्र के भगवतपुर प्रधान बलवंत सिंह के पुत्र रोहित की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस की जांच के दौरान रामदास का भी नाम प्रकाश में आया था। पुलिस ने मामले में उसे भी हत्या की साजिश रचने का आरोपी बनाया।
जेल में मारपीट के बाद भेजा गया था फतेहपुर जेल-
कौशांबी जेल में नवंबर 2015 में मंझनपुर क्षेत्र के एक आरोपी को रामदास, अतीक चंदन, चिल्ला व मोटू माली में पीट दिया था। जिससे उसे गंभीर चोटे आई थी। मामले की जानकारी के बाद जेल प्रशासन ने तीनों को अलग कर दिया। मोटू माली व चिल्ला को इलाहाबाद जेल भेजा गया। रामदास को फतेहपुर जेल भेजा गया था।