शिमला :
हिमाचल की राजधानी से सटे डब्लू सीनियर सेकेंडरी स्कूल में जब सिस्टम औंधे मुंह गिरने लगी और बात बच्चों के भविष्य पर बन आई तो परिजनों ने खुद आगे आकर मोर्चा संभाला। अभिभावकों ने अपनी जायज मांगे और सरकारी व्यवस्था के खिलाफ एकजुट होकर लड़ाई लड़ी। इसके लिए न तो उन लोगों ने झंडे-डंडे उठाए, न सड़क जाम किए और न ही सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया।
केवल नारे लगाए, जो सो रहे सरकारी तंत्र के कानों तक जा पहुंचा। डब्लू क्षेत्र के जागरुक लोगों ने स्कूल के टीचरों के डेपुटेशन को मुद्दा बनाया और उसके खिलाफ आंदोलन छेड़ दिया। बच्चों से लेकर महिलाएं तक इस आंदोलन में कूद पड़ी और अंतत) उनकी जीत हुई।
इससे न केवल डुब्लू सेकेंडरी स्कूल को बल्कि क्षेत्र के अन्य स्कूलों को भी फायदा हुआ। अन्य स्कूलों से भी डेपुटेशन पर गए टीचरों को वापस बुला लिया गया। दरअसल स्कूल के एक टीचर को डेपुटेशन पर भेजा जा चुका था और दो अन्य टीचरों को भेजा जाना था। जब कि पहले से ही स्कूल में पांच पद रिक्त पड़े थे।
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