गुवाहाटी । भारत के गृहमंत्री राजनाथ सिंह का पाकिस्तान में जाकर पाकिस्तान को उसी की जुबान में समझाने के दूसरे दिन असम के कोकराझार में आतंकियों ने खूनी खेल खेला। असम के कोकराझार के बालाझार और तिनाली के साप्ताहिक बाजार में अज्ञात ऑटो में सावार 3-4 आतंकियों ने हैंडग्रेनेड फेंके और ताबड़तोड़ फायरिंग कर 14 लोगों को मौत के घाट उतार दिया, इस हमले में 18 से अधिक लोगों के गंभीर रुप से घायल होने की सूचना है। असम के डीजीपी मुकेश सहाय ने 14 लोगों की मोत की पुष्टि की है। उन्होने बताया कि जहां हमला हुआ वह भीड़-भाड़ वाला इलाका है।
मई 2014 में केंद्र में मोदी सरकार ने सत्ता संभालने के कुछ महीने बाद ही असम में उग्रवादियों ने सिलसिलेवार हमले कर 80 से ज्यादा लोगों को मौत के घाट उतार दिया था। अब ये ‘शैतान’ फिर से जाग उठे हैं। कोकराझार से आठ किलोमीटर दूर स्थित वालाझार और तिनाली की साप्ताहिक बाजार में हमला कर आतंकियों ने सरकार को एक बार फिर चुनौती दी है। सूत्रों के अनुसार हमले में हैंडग्रेनेड से भी हमला किया गया। मौके पर मौजूद सुरक्षा बलों ने मोर्चा सम्भाला और जबाबी कार्रवाई में दो हमलावरों के मारे जाने की खबर है। डीजीपी ने कहा है कि हमले में नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड के शामिल होने का शक है। हालांकि सेना के सूत्रों ने बताया है कि ज्यादातर पीडि़त बोडो हैं इसलिए एनडीएफबी का हाथ हमले के पीछे होने का अंदेशा नहीं है।
केंद्र ने भेजी सेना-
केन्द्र ने अर्धसैनिक बलों की टुकड़ी को कोकराझार भेजा है ताकि व्यवस्था संभालने में प्रशासन की मदद की जा सके। पुलिस के साथ समन्वय के लिए एक ब्रेगेडियर स्तर का अधिकारी भेजा गया है। हमलावर ऑटोरिक्शा से बाजार में घुसे। काले कपड़े पहन कर आए हमलावरों ने पहले जमकर फायरिंग की,उसके बाद ग्रेनेड से हमला किया। हमले के बाद कुछ दुकानों से धुंआ उठता दिखाई दिया। सुरक्षा बलों ने पूरे इलाके को घेर कर सघन तलाशी अभियान शुरू किया।
सर्बानंद ने प्रधानमंत्री दी घटना की जानकारी-
घटनास्थल से एक एके-47 और भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री बरामद की गई है। हमले के बाद असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से फोन पर बात की और घटना के बारे में जानकारी दी। सोनोवाल ने गृह मंत्री राजनाथ सिंह को भी घटना के बारे में जानकारी दी है।
पूर्वोत्तर की शांति प्रक्रिया में पड़ सकती है बाधा-
रिजिजू ने कहा कि बोडो उग्रवादी कई महीनों से शांत थे। घटना अचानक हुई है,यह बहुत दी दुख है। अचानक हमला क्यों हुआ,इसकी जांच की जाएगी। कोकराझार के सांसद नबा कुमार ने बताया कि यह आतंकी हमला है। कहा जा रहा है कि हमले के बाद पूर्वोत्तर में चल रही शांति प्रक्रिया पटरी से उतर सकती है। एनआईए ने हमले को लेकर पहले ही आगाह किया था। सूत्रों के मुताबिक हमला अप्रत्याशित नहीं है। दी। बोडो उग्रवादियों ने चेतावनी दी थी कि वो अपने कमांडर के खिलाफ एनआईए की कार्रवाई का बदला लेंगे। पिछले दिनों कोकराझार से एनडीएफबी के दो उग्रवादियों को गिरफ्तार किया गया था। डीजीपी ने कुछ दिन पहले इस तरह के हमले की आशंका जताई थी। कहा गया था कि स्थानीय उग्रवादी 15 अगस्त से पहले हमला कर सकते हैं। उग्रवादी फोरम ने भी हमले की चेतावनी दी थी। कोकराझार बोडोलैंड का केन्द्र रहा है।