कानपुर । जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) नेता शरद यादव मोदी सरकार को घेरने के चक्कर में खुद निशाने पर आ गए हैं. वह बेरोजगारी पर बोले कि सड़कों पर बढ़ती कांवड़ियों की संख्या देश में बढ़ती बेरोजगारी का बेहतरीन उदाहरण है.शरद यादव ने कहा कि अगर रोजगार होता तो कांवड़ियों की इतनी बड़ी तादाद सड़कों पर न होती. दरअसल, शरद यादव ने कानपुर में मोदी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि नौकरियां देने का वादा कर बीजेपी केंद्र में आई, लेकिन वह ये वादा पूरा नहीं कर सकी. इसकी मिसाल है हाल ही में सड़कों पर निकले लाखों कांवड़िए. अपने बयान में शरद यादव ने कांवड़ियों को बेरोजगारी की निशानी बता दिया.शरद यादव के इस बयान से शिव भक्तों के साथ ही धर्मगुरु भी नाराज हैं. सुमेरू पीठाधीश्वर स्वामी नरेंद्र नंद, अखाड़ा परिषद के नरेंद्र गिरि और आत्मानंद ब्रह्मचारी, हिंदू महासभा के स्वामी चक्रपाणी ने इस बयान पर विरोध दर्ज करवाया है. उत्तर भारत में सावन के महीने में शिव भक्त जलाभिषेक के लिए निकलते हैं. सालों से ये परंपरा चली आ रही है. इनमें हर तबके के भक्त होते हैं. ऐसे में भक्तों को बेरोजगार बता कर शरद यादव बुरी तरह से घिर गए हैं।
		
		
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