लखनऊ। पाक जासूसों की जड़ें देश के सीमावर्ती जिलों से हटकर उत्तर प्रदेश तक फैल गई हैं। प्रदेश भर में 40 से ज्यादा स्लीपर सेल सक्रिय हैं जबकि प्रदेश में आए लगभग तीस पाकिस्तानी नागरिकों का कोई अता- पता नहीं है। यहां के युवक- युवतियों को फंसाने के लिए रुपये से लेकर रिश्ते तक बनाए गए हैं। सुरक्षा एजेंसियों के राडार पर पश्चिमी मध्य और पूर्वी उत्तर प्रदेश के बीस जिले राडार पर हैं जहां पर देश विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने में जासूस जुटे हैं। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि 35 किलो आरडीएक्स के साथ गायब हए पाक जासूस नंदलाल के सात साथियों के प्रदेश में घुसने की आशंका है। सुरक्षा एजेंसियों की रिपोर्ट न सिर्फ चौंकाने वाली है बल्कि आने वाले संकट से आगाह भी कर रही हैं। राजस्थान से पकड़े गए पाक जासूस के साथ आए सात अन्य जासूसों के यूपी में छिपने की आशंका है। आशंका है कि अलग- अलग तरीकों से आरडीएक्स को यूपी समेत अन्य राज्यों तक पहुंचाया गया है। प्रदेश में हाल के वर्षों में करीब नौ पाक जासूस पकड़े गए हैं। यहां तक कि सेना के चंद पूर्व अफसर भी पाक के लिए की जा रही जासूसी में शामिल रहे हैं। सुरक्षा एजेंसियों की निगाहें यूपी के नोएडा, गाजियाबाद, मेरठ, मुरादाबाद, बागपत, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, कैराना, हापुड़, रामपुर, बरेली, पीलीभीत, आगरा, मथुरा, संभल, अलीगढ़, कानपुर बस्ती और गाजीपुर जैसे जिलों पर है। इन जिलों में आए करीब तीस पाकिस्तानी नागरिक अरसे से गायब हैं। हाल के वर्षों में उत्तर प्रदेश की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने भारतीय सेना की जासूसी कर महत्वपूर्ण सूचनाएं पाकिस्तानी आईएसआई एजेन्सी को उपलब्ध कराने वाले जासूस आसिफ अली को मेरठ से गिरफ्तार किया था। इसके अलावा पाक जासूस एजाज को भी पकड़ा गया था। इन जासूसों के पास से सेना के गोपनीय दस्तावेजों के अलावा विभिन्न बैंकों की पासबुक भी मिली थी। ये जासूस कई बार पाकिस्तागन गए और फिर भारत आकर जासूसी में सक्रिय हो गए। पाक जासूस भारतीय युवाओं को सोशल मीडिया के जरिए अपने नेटवर्क में जोड़ते हैं। इसके लिए सिमी के नेटवर्क का भी इस्तेमाल किया जाता है। एसटीएफ एवं आर्मी इन्टेलिजेन्स को विभिन्न माध्यमों से सूचनाओं के अनुसार इन युवाओं को दिल्ली ,हैदराबाद और बैंगलुरू में पढ़ने के लिए भेजा जाता है ताकि इन पर सुरक्षा एजेंसियों की नजर न पड़े और भारत विरोधी गतिविधियों में इनका आसानी से इस्तेमाल किया जा सके। बीते दिन भी पाकिस्तान निवासी जासूस नंदलाल के पकड़े जाने के बाद कुछ ऐसे ही चौकाने वाले खुलासे हुए हैं। सबसे बड़े खतरे की बात यह है कि नंद लाल के नेटवर्क में काम करने वाले जासूस और 35 किलो आरडीएक्सस का कोई सुराग नहीं है। ऐसे में प्रदेश में चौकसी बढ़ाने के साथ सुरक्षा एजेंसियां संदिग्धों पर शिकंजा कसने की तैयारी में जुट गई हैं।
जासूसी का नापाक नेटवर्क
स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने पाक जासूस आसिफ अली को मेरठ से गिरफ्तार किया।
सितम्बर 2014 : सहारनपुर रेलवे स्टेशन से एजाज शेख की गिरफ्तारी हुई थी।
06 अगस्त 2014 : भारतीय सेना के पूर्व अफसर पाटन कुमार पोद्दार गिरफ्तार किए गए।
18 दिसम्बर 2013 : भारतीय सेना के रिटायर्ड जेसीओ मदन मोहन पॉल जासूसी के आरोप में गिरफ्तार।
नवम्बर 2009 : आतंकवाद निरोधक दस्ते ने पाक जासूस सैयद मीर अली की मदद करने वाले दो लोगों को पकड़ा।