जम्मू। जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री तथा विपक्ष के नेता उमर अब्बदुला आज प्रधानमंत्री को मिले शिष्टमंडल का नेतृत्व कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज यह माना कि केवल विकास से कश्मीर चली आ रहीं परेशानी को ठीक नहीं किया जा सकता है इसके साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री से अपील की कि वे घाटी में व्याप्त अशांति से निपटने के लिए राजनीतिक रूख अपनाएं। घाटी में पिछले 45 दिन से कर्फ्यू लगा हुआ है। वहां के मौजूदा हालात के मद्देनजर राज्य के सभी विपक्षी दल दलगत सीमाओं से परे जाकर एकजुट हुए हैं और उन्होंने केंद्र से अनुरोध किया है कि वह राज्य में सभी पक्षों के साथ राजनीतिक वार्ता की शुरूआत करे। शिष्टमंडल ने कहा कि कश्मीर में व्याप्त अशांति पर गौर करने में लगातार विफल रहने से अलगाव की भावना और अधिक गहरी होगी इसके साथ ही शिष्टमंडल ने उम्मीद जताई कि प्रधानमंत्री इस नाजुक स्थिति से निपटने के लिए तत्काल उपाय करेंगे।
उमर ने कहा कि सरकार जम्मू कश्मीर के हालात का समाधान सियासी तौर पर करे। जम्मू-कश्मीर के विपक्षी दलों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ज्ञापन सौंपते हुए अपील की कि तुरंत पैलेट गन पर बैन लगाया जाए। उमर अब्बदुला ने कहा कि हमने प्रधानमंत्री को राज्य की मौजुदा स्थिति से अवगत करवाया तथा कहा कि हम चाहते हैं कि राज्य के हालात सुधरें।
इस शिष्टमंडल ने इस राजनीतिक पहल की शुरूआत शनिवार को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात करके और उन्हें एक ज्ञापन सौंपकर की। इस ज्ञापन में राष्ट्रपति से अनुरोध किया गया कि वह अपने पद का इस्तेमाल करते हुए केंद्र को राज्य के सभी पक्षकारों के साथ राजनीतिक वार्ता शुरू करने के लिए कहें। राज्य के इस शिष्टमंडल ने रविवार को कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की थी और उन्हें राज्य की स्थिति के बारे में अवगत कराया था।
वहीं उमर के अलावा इस शिष्टमंडल में प्रदेश कांग्रेस का सात सदस्यीय दल और मुख्य विपक्ष नेशनल कांफ्रेंस का आठ सदस्यीय दल शामिल है। शिष्टमंडल में कांग्रेस दल का नेतृत्व प्रदेश कांग्रेस समिति के प्रमुख जीए मीर कर रहे हैं। नेशनल कांफ्रेंस के दल में इसके प्रांतीय प्रमुख नसीर वानी और देविंदर राणा भी हैं। इनके अलावा माकपा के विधायक एमवाई तरीगामी भी इस शिष्टमंडल में शामिल हैं।
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