लखनऊ । राजधानी लखनऊ के जिला अस्पताल बलरामपुर चिकित्सालय में सोमवार को एक मरीज की मौत होन पर परिजनों ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया। इस दौरान नर्स के कुछ बोलने पर परिजनों ने नर्स को पीट दिया।
नर्स की पिटाई की खबर होते ही अस्पताल के कर्मचारी व नर्सें लामबंन्द हो गयीं और अस्पताल में इमरजेन्सी से लेकर वार्डो तक कामकाज बंद कर दिया। सुबह चार बजे हुए हंगामे के बाद से लगातार चार घण्टे इमरजेन्सी सेवायें भी पूरी तरह से ठप रहीं। हंगामे के बाद इमरजेन्सी में इलाज के लिए पहुंचे मरीजों को बिना इलाज वापस लौटना पड़ा है। इमरजेन्सी पहुंचे आधा दर्जन से ज्यादा मरीजों को बिना इलाज वापस लौटना पड़ा। एक तरफ मरीज बिना इलाज लौट रहे थे। तो दूसरी तरफ नर्से आरोपियों के गिरफ्तारी की मांग पर अड़ी थी। पुलिस द्वारा प्राथमिकी दर्ज करने के तथा अस्पताल प्रशासन के समझाने के बाद नर्से शांत हुयी हैं। जिसके बाद 11 बजे से चिकित्सीय व्यवस्था पटरी पर लौटी।
गौरतलब हो कि राजधानी के डालीगंज निवासी सूरजकला 55 को गम्भीर हालत में डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल ले जाया गया था। वहां मौजूद चिकित्सकों ने मरीज की हालत नाजुक बता बलरामपुर अस्पताल के लिए रेफर कर दिया। जिसके बाद परिजन मरीज को लेकर लगभग एक बजे रात को बलरामपुर अस्पताल की इमरजेन्सी लेकर पहुंचे। वहां मौजूद चिकित्सकों ने मरीज की हालत नाजुक देख परिजनों से कागजी कार्रवाई पूरी कराने के बाद मरीज को भर्ती कर लिया। जहां इलाज के दौरान मरीज ने दम तोड़ दिया। मरीज के लड़के रमेश का आरोप है कि ड्यूटी पर मौजूद नर्स ने मरीज की हालत गम्भीर होने के बाद भी दवा देने में लेट लतीफी करती रही। जिससे मरीज की जान चली गयी।
रमेश का कहना है कि तीन घंटे बीत जाने के बाद भी मरीज की लाश ले जाने के लिए इधर से उधर दौड़ाया जा रहा था। जिसपर कागज लेने के चलते मरीज के परिजनों तथा नर्स की नोकझोंक हो गयी। वहीं नर्स मोनिका त्रिवेदी का कहना है कि बाडी ले जाने के बाद कुछ महिलाये केबिन में आयी और मुझे मारने लगी। घटना की सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस ने दोनों पक्षों की तहरीर लेने के बाद मामले की जांच शुरू कर दी है। वहीं नर्सेज एसोसिएशन ने मारपीट करने वाली महिलाओं को 24 घंटे में गिरफ्तार करने का अल्टीमेटम पुलिस को दिया है। आरोपियों की गिरफ्तारी न होने पर कार्यबहिष्कार कारने की धमकी दी है। अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डा. बी.के.एस.चैहान ने कहा कि मरीज के इलाज में किसी प्रकार की लापरवाही नहीं बरती गयी है। मरीज जब अस्पताल में आया उस समय ही उसकी हालत गंभीर थी।