लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ समेत सूबे के दर्जन भर जिलों में डेंगू का कहर जारी है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक अब तक 12 जिलों में अब तक डेंगू के 142 मामले सामने आए हैं। इनमें से 2 मरीजों की मौत हुई है। लखनऊ में अब तक 87 लोगों में इस बीमारी की पुष्टि हुई है। निजी अस्पतालों की मानें तो अब तक 1000 से ऊपर मरीज मिले हैं, लेकिन स्वास्थ्य विभाग उन्हें डेंगू नहीं मान रहा।
यहाँ इतनो पर डेंगू का कहर –
स्वास्थ्य विभाग के निदेशक, संचारी डॉ. सत्यमित्र के मुताबिक अभी तक 142 मामलों में डेंगू की पुष्टि हुई है। इनके अलावा दो मौते भी हैं। इनमें से लखनऊ में 87, मेरठ में 19, कानपुर में 10, बांदा में 9, हमीरपुर में 5 मरीज सामने आए हैं। इसी तरह सीतापुर में 6, उन्नाव में 2, गाजियाबाद में 2, गौतमबुद्धनगर में 1 और बस्ती में डेंगू का 1 मरीज मिला है। विभाग के आंकड़ों को छोड़कर अभी तक केजीएमयू, एसजीपीजीआई, आरएमएल को मिलाकर यह आंकड़ा 350 मरीजों से ऊपर का है। इसकी पुष्टि विभागीय स्तर पर नहीं की गई है।
वर्जन –
एसजीपीजीआई के माइक्रोबायलॉजी विभाग के प्रमुख प्रो. टीएन ढोल ने बताया कि इधर तीन दिनों के अंदर डेंगू के मामले बढ़े हैं। उन्होंने बताया कि डेंगू का शुरुआती परीक्षण और इलाज दोनों गलत तरीके से हो रहा है। उनका कहना था कि अगर शुरुआती जांच में ही डेंगू का परीक्षण और सटीक इलाज मरीज का हो जाए तो मौत होना असंभव है।
केजीएमयू के कम्यूनिटी मेडिसिन विभाग के विभाग प्रमुख प्रो जेबी सिंह ने बताया कि मच्छरों से बचने के लिए पूरी बाजू के कपड़े पहनने के साथ ही बचने के भी इंतजाम करने चाहिए। केजीएमयू की लैब की प्रभारी डॉ. अमिता जैन ने बताया कि डेंगू के लिए सबसे सटीक एलाइजा टेस्ट ही मान्य है।