गुवाहाटी। असम में सत्ता संभालने के बाद मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने सभी मंत्रियों को सौ दिन की कार्ययोजना के तहत काम करने की एक रणनीति बनाई थी। सरकार के सौदिन पूरे होने पर मुख्यमंत्री ने हाल ही में अपने कामों का लेखा-जोखा राज्य की जानता के सामने पेश किया। इसी कड़ी में राज्य के सिंचाई एवं वस्त्र विभाग के मंत्री रंजीत दत्त ने अपने विभागकी ओर सेउठाए गए कदमों की जानकारी साझा की।
श्री दत्त ने एक संवाददाता सम्मेलन में विभाग के सौदिनों के कामकाज का ब्यौरा पेश करते हुए कहा कि नाबार्ड के सहयोग से बीसलघु सिंचाई योजना को कार्यसक्षम बनाकर 1554 हेक्टेयर कृषि भूमि को पानी मुहैया करवाने में हम सफल रहे हैं। जबकि अन्य 54 योजनाओं को पुनर्जिवित करने का कार्य हाथ में लेकर लगभग 3211 हेक्टेयर कृषि भूमि को पानी मुहैया करवा पाएं हैं। उन्होंने कहा कि महज पैसे के अभाव में कई परियोजनाएं मृतप्राय अवस्था में हैं। मरम्मत एवं रख-रखाव के लिए हमने पूंजी की व्यवस्था के लिए केंद्र सरकार को पत्र लिखा है। पूंजी मिलने के बाद मृतप्राय पड़ी योजनाओं को पुनर्जिवित किया जाता है तो लाखों एकड़ कृषि भूमि को पानी उपलब्ध करवा सकते हैं।
अपने कार्यकाल के सौदिन पूरे होने के अवसर पर मीडिया को संबोधित करते हुए श्री दत्त ने कहा कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत जिला जल सिंचाई योजना के गठन की प्रक्रिया आरंभ की गई है। आगामी पांच वर्षों के लिए इसे मूर्त रूप दिया जाएगा। उन्होंने 208 बेकार पड़ी मृत सिंचाई परियोजनाओं को पूरी तरह बंद करने की घोषणा की। उनके अनुसार इनकी मरम्मत संभ नहीं है। इसलिए सरकार ने यह कदम उठाया है।
श्री दत्तने कहा कि हमने 70 हजार असमिया गमछा बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया था, लेकिन सौदिनों में हमने लक्ष्य से अधिक 71,400 गमछा बनाने में सफल रहे हैं। मंत्री दत्त ने कहा कि बुनकर महिलाओं को सस्ते दर पर सूता मुहैया करवाने के लिए सरकार ने 11 सूता भंडार का निर्माण के लिए 4.69 करोड़ रुपए जारी किए हैं। इनका कार्य पूरा भी हो चुका है। महिलाएं यहां से सस्ते दर पर सूत खरीद सकेंगी। उन्होंने कहा कि रेशम विभाग के तहत 25,20,363 पेड़ लगाकर लक्ष्य से अधिक सफलता पाई है।