नई दिल्ली I राष्ट्रपति प्रणब मुख़र्जी ने बुधवार को कहा कि आज वैश्वीकरण के दौर में हिंदी का महत्त्व और भी बढ़ गया है और सोशल मीडिया और संचार माध्यमों में हिंदी का प्रयोग निरंतर बढ़ रहा है।हिंदी दिवस के मौके पर अपने अभिभाषण में श्री मुख़र्जी ने कहा कि आज विदेशों में अनेक विश्वविद्यालयों में हिंदी पढ़ाई जा रही है और हिंदी विश्व स्तर पर एक प्रभावशाली भाषा बनकर उभरी है। उन्होंने कहा कि, ”ज्ञान-विज्ञान की पुस्तकें बड़े पैमाने पर हिंदी में लिखी जा रही है। हिंदी भारतवर्ष की विविधता में एकता का भी प्रतीक है। गुरुदेव रवीन्द्रनाथ ठाकुर, महात्मा गांधी, पंडित नेहरू, मौलाना अबुल कलाम आजाद, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, सरदार पटेल, डॉ. अम्बेडकर, सी. राजगोपालाचारी आदि जैसे महापुरुषों ने हिंदी को भारत की संपर्क भाषा के रूप में अपनाकर आजादी की लड़ाई लड़ी थी।”श्री मुख़र्जी ने कहा कि, ”हिंदी भारतीयता की चेतना है तथा सभी प्रांतीय भाषाओं की संपर्क भाषा की भूमिका निभाती है। हिंदी और भारतीय प्रांतीय भाषाओं के साहित्य के परस्पर अनुवाद को हमें बढ़ावा देना होगा। ऐसा करने से हिंदी तथा प्रांतीय भाषाओं में संबंध और गहरा होगा। लोगों को एक दूसरे के ऐतिहासिक, साहित्यिक तथा सांस्कृतिक पहलुओं का ज्ञान प्राप्त होगा। भारत में लोग जब यह समझेंगे कि हमारा अतीत और वर्तमान एक है, हमारा साहित्य और संस्कृति एक है, तब राष्ट्रीय एकता की भावना और पुष्ट होगी।”श्री मुख़र्जी ने बताया कि भारत सरकार द्वारा विकास योजनाओं तथा नागरिक सेवाएं प्रदान करने में हिंदी के प्रयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हिंदी तथा प्रांतीय भाषाओं के माध्यम से हम बेहतर जन सुविधाएं लोगों तक पहुंचा सकते हैं। इसके साथ ही विदेश मंत्रालय द्वारा ‘‘विश्व हिंदी सम्मेलन’’ और अन्य अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों के माध्यम से हिंदी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लोकप्रिय बनाने का कार्य किया जा रहा है। इसके अलावा प्रत्येक वर्ष सरकार द्वारा ‘‘प्रवासी भारतीय दिवस’’ मनाया जाता है जिसमें विश्व भर में रहने वाले प्रवासी भारतीय भाग लेते हैं। विदेशों में रह रहे प्रवासी भारतीयों की उपलब्धियों के सम्मान में आयोजित इस कार्यक्रम से भारतीय मूल्यों का विश्व में और अधिक विस्तार हो रहा है। श्री मुख़र्जी ने कहा कि विश्व हिंदी सचिवालय विदेशों में हिंदी का प्रचार-प्रसार करने और संयुक्त राष्ट्र में हिंदी को आधिकारिक भाषा बनाने के लिए कार्यरत है। संयुक्त राष्ट्र द्वारा ‘‘विश्व योग दिवस’’ को अधिसूचित करना भी हमारे लिए एक गौरव की बात है। इसके लिए प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी बधाई के पात्र हैं।