लखनऊ। वेतन विसंगतियों की मांग को लेकर पैरामेडिकल स्टाफ समेत उत्तर प्रदेश के 22 लाख कर्मचारी व शिक्षक मंगलवार को हड़ताल पर हैं। वहीं हड़ताल के कारण राजधानी लखनऊ समेत प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों की इमर्जेन्सी व ओपीडी सेवा प्रभावित है। निगम और निकायों में छठा वेतनमान देने और वेतन विसंगतियों को दूर करने जैसी कई मांगों को लेकर कर्मचारी-शिक्षक संयुक्त मोर्चे के बैनर तले 20 सितंबर से हड़ताल पर रहने का फैसला किया है। संयुक्त मोर्चा के अध्यक्ष वी.पी. मिश्र ने बताया कि मुख्य सचिव राहुल भटनागर से वार्ता के बात समझौते की लिखित कॉपी नहीं मिलने के कारण देर रात हड़ताल पर जाने का फैसला किया गया। मिश्र ने बताया कि लिखित कॉपी मिलने के बाद इस पर पुनर्विचार किया जाएगा।
इलाज न हो पाने का संकट मंडरा रहा –
इन दिनों लखनऊ में डेंगू ,चिकनगुनिया और वायल फीवर के मरीजों की अस्पताल में बाढ़ आयी है। सभी अस्पतालों के सारे बेड फुल हैं। मंगलवार को अस्पताल में हड़ताल होने के कारण मरीजों को न तो दवा मिल पा रही है और न ही पंजीकरण और न ही कोई जांच हो पा रही है। वहीँ पैरामेडिकल स्टाफ के हड़ताल पर जाने के कारण अस्पताल में इलाज का संकट खड़ा हो गया है। अस्पतालों में तैनात फार्मासिस्ट,स्टाफ नर्स और लैब टेक्नीशिएन सभी हड़ताल पर हैं। लखनऊ में नगर निगम, जवाहर भवन, इंदिरा भवन, स्वास्थ्य, कृषि, परिवहन समेत सभी आवश्यक विभाग में काम पूरी तरह से ठप है।
इमरजेंसी सेवाएं रहेंगी ठप-
डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष जेपी नायक ने बताया कि इमरजेंसी सेवाएं ठप रहेंगी। ओपीडी में मरीजों की जांचें नहीं होंगी। एक्सरे, पैथोलॉजी समेत दूसरी सेवाएं ठप रहेंगी। दवाओं का वितरण भी नहीं होगा।
लैब टेक्नीशियन एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेश रावत ने बताया कि आर-पार की लड़ाई का ऐलान हो गया है। अब पीछे नहीं हटेंगे।
वर्जन –
बलरामपुर अस्पताल के निदेशक डॉ. ईयू सिद्दीकी ने बताया कि संविदा कर्मचारियों को अलर्ट कर दिया गया। सुबह से शाम तक उनकी ड्यूटी लगा दी गई है।
लोहिया अस्पताल के सीएमएस डॉ. ओंकार यादव ने बताया है कि मरीजों को मुश्किलों से बचाने की पूरी कोशिश की जाएगी। वार्ड में संविदा कर्मचारियों की ड्यूटी लगा दी गई है।