आगरा। बसपा रैली को लखनऊ जाते बुजुर्ग कार्यकर्ता की रविवार सुबह सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। इसे लेकर जमकर हंगामा हुआ। वहीं, रैली के बाद भगदड़ की खबर आते ही पदाधिकारियों के फोन घनघनाने लगे। मगर, भगदड़ में आगरा का कोई बसपा कार्यकर्ता घायल नहीं हुआ है। यहां से 400 से अधिक बस और निजी वाहन से करीब 30 हजार कार्यकर्ता रैली में शामिल हुए। देर रात तक बसपा कार्यकर्ताओं के घर पहुंचने के बाद ही परिजनों ने राहत की सांस ली।
बसपा संस्थापक कांशीराम की दसवीं पुण्यतिथि पर लखनऊ में आयोजित रैली के लिए हर विधानसभा क्षेत्र से 50 बसों में कार्यकर्ता गए। इस तरह जिले के नौ विधानसभा क्षेत्रों से शनिवार रात को 30 हजार कार्यकर्ता बस और अपने निजी वाहनों से रवाना हुए। रविवार सुबह सात बजे दक्षिण विधानसभा से गई बस को उन्नाव के पास अजगैन के वसीरतगंज पर कार्यकर्ताओं ने रुकवा लिया।
बस में 60 बसपा कार्यकर्ता थे। वे शौच के लिए जाने लगे, सड़क पार करते समय जगदीशपुरा थाना क्षेत्र के जाप नगर, अलबतिया निवासी देवी ¨सह (60 वर्ष) पुत्र रामस्वरूप को लखनऊ से कानपुर की ओर जा रही एक बस ने रौंद दिया। उनकी मौत पर आक्रोशित बसपा कार्यकर्ताओं ने जाम लगा दिया।
पुलिस ने कार्रवाई का भरोसा देकर उन्हें शांत किया और मुकदमा दर्ज किया गया है। वहीं, पोस्टमार्टम के बाद दोपहर बाद बसपा कार्यकर्ता उनके शव को लेकर आगरा के लिए रवाना हुए।उधर, दोपहर में लखनऊ में रैली के समापन के बाद भगदड़ मच गई।
इसमें दो महिलाओं की मौत और दर्जनों कार्यकर्ता घायल हो गए। इसकी खबर आते ही लखनऊ गए बसपा कार्यकर्ताओं के परिजन परेशान हो गए। उन्होंने बसपा पदाधिकारियों को फोन करना शुरू कर दिया। जोन कोऑर्डिनेटर सुनील चित्तौड़, आजाद सिंह सहित विधायक रैली में कार्यकर्ताओं के साथ शामिल हुए।
बुजुर्ग कार्यकर्ता की सड़क हादसे में मौत के बाद उनके परिजनों को जानकारी दे दी गई। वे अकेले ही रैली में गए थे। बसपा पदाधिकारी सोमवार को परिजनों से मिलेंगे, इसके बाद मुआवजा देने के लिए वार्ता की जाएगी।