दिल्ली। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की फर्जी डिग्री विवाद पर दिल्ली की पटियाला हाउस अदालत से बड़ी राहत मिली है। मंगलवार को पटियाला हाउस कोर्ट ने इस मामले में केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी को समन करने वाली याचिका खारिज कर दी है।
दरअसल स्मृति ईरानी पर चुनाव आयोग को दिए गए हलफनामे में अपनी शिक्षा के बारे में भ्रामक जानकारी देने का आरोप था। ईरानी ने 2004 में हुए लोक सभा चुनाव में दायर हलफनामे में खुद को दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक बताया था। अदालत ने पिछले साल 20 नवंबर को शिकायतकर्ता अहमर खान की अर्जी मंजूर कर ली थी जिसमें चुनाव आयोग और डीयू के अधिकारियों को निर्देश देने की मांग की गई थी कि ईरानी की योग्यता के रिकॉर्ड को दिखाया जाए।
ईरानी पर आरोप था कि पिछले दो चुनावों में दिए गए उनके शपथ पत्रों में अलग-अलग सूचनाएं दी गई है। दावा किया गया था कि स्मृति ने राज्यसभा में परचा भरते समय जो शपथ पत्र दिया था उसमें और लोकसभा चुनाव में दिए शपथ पत्र में शिक्षा (स्नातक) को लेकर भ्रांति है। इनमें से एक में स्मृति ने खुद को बीकॉम तो दूसरे में बीए पास बताया है।
अदालत ने दिल्ली विश्वविद्यालय को आदेश दिया था कि स्मृति ईरानी की डिग्री को लेकर स्थिति साफ हो सके, इसके लिए उनके स्नातक में दाखिले के दस्तावेज और चुनाव में दिए गए शपथ पत्र का अदालत के सम्मुख आना जरूरी है। याचिकाकर्ता अहमर खान ने अप्रैल 2015 में स्मृति के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। इसमें उन्होंने ईरानी के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर आरोप लगाया था कि वे देश को गुमराह कर रही हैं।