किशनगंज। भारतीय सेना की ओर से की गई सर्जिकल स्ट्राइक से तिलमिलाए पाकिस्तान स्थित चरमपंथी संगठन जैश-ए-मोहम्मद’ के प्रमुख मौलाना मसूद अजहर नेपाल के रास्ते भारत पहुंच कर हमले को अंजाम देने की योजना बना रहा है।
मिली जानकारी के मुताबिक आतंकी सूचना के बाद सीमावर्ती क्षेत्र में तैनात एसएसबी, बीएसएफ, आइबी व अन्य खुफिया एजेंसी पूर्णत:सतर्कता बरत रही है। वहीं स्थानीय पुलिस भी किसी प्रकार की विकट स्थिति से निपटने को तैयार है।
खुफिया सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, आतंकी भीड़भाड़ वाली जगहों पर हमला कर सकते हैं। भारत-नेपाल सीमा पर स्थित कई बीओपी पर पेट्रोल बोतल बम के साथ ही लैंड माइंस से विस्फोट करने की योजना है।
इसे देखते हुए खुली सीमा पर चौकसी बढ़ा दी गई है। जवानों द्वारा दूरबीन से भी नजर रखी जा रही है। रात्रि में नाइट वीजन कैमरा व ड्रैगन लाइट से गश्ती की जा रही है जबकि सीमाई क्षेत्र के कई प्रमुख सड़कों पर सीसीटीवी कैमरे से भी नजर रखी जा रही है।
बताया जा रहा है कि पहले आतंकी पाकिस्तान से हवाई मार्ग से अन्य यूरोपीय देश पहुंचेंगे जहां से पुन:नेपाल आएंगे। जहां पूर्व से छीपे स्लीपर सेल के सदस्य उन्हें हथियार व अन्य आवश्यक सामान मुहैया कराएंगे। तत्पश्चात नेपाल के रास्ते खुली सीमा का फायदा उठाकर आतंकियों के भारत में प्रवेश करने की योजना है।
आतंकियों के नेपाल के रास्ते से भारत में प्रवेश करने की संभावना है इसके लिए सबसे सुरक्षित जलमार्ग है। इस मार्ग से ही भारत की सीमाओं में प्रवेश का रास्ता हमेशा खुला व सुरक्षित होता है। कोसी नदी के साथ-साथ नेपाल से बहकर भारत में प्रवेश करने वाली अन्य नदियों की सीमाई क्षेत्र में जाल बिछी है।
जबकि कोसी के दियारा की भौगोलिक बनावट व कोसी की कृपा के कारण वैसे भी यह क्षेत्र अपराधियों के लिए सबसे अधिक उपयुक्त व सुरक्षित क्षेत्र माना जाता है। नेपाल की सीमा से सूबे के आठ जिले क्रमश: सुपौल, मधुबनी, किशनगंज, अररिया, बगहा, पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण व सीतामढी सटे हुए हैं।