लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष और प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने गुरूवार को कहा कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने समाजवादी विकास रथयात्रा की शुरूवात नहीं कि बल्कि यह सूबे की’बदहाल विकास रथयात्रा’है।
उन्होंने कहा कि इस यात्रा में क्षेत्र के युवक नहीं बल्कि प्रदेश के आपराधिक मानसिकता वाले वे सपाई लोग शामिल हैं।सुश्री मायावती ने यहां जारी एक बयान में कहा कि जिन्होंने पिछले साढ़े चार वर्षों से सूबे को भ्रष्टाचार, जंगलराज और गुंडई की आग में झोंक रखा है। वे आज विकास रथयात्रा निकाल रहे हैं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में क़ानून का राज नहीं है बल्कि गुण्डों, बदमाशों, माफियाओं, आपराधिक, अराजक, साम्प्रदायिक व भ्रष्ट तत्वों का ही जंगलराज चल रहा है, जिसकी वजह से प्रदेश में हत्या, डकैती, लूटमार, फिरौती, अपहरण, महिला उत्पीड़न, गुण्डा टैक्स, सरकारी व ग़ैर-सरकारी ज़मीनों पर अवैध क़ब्ज़े, साम्प्रदायिक दंगे व तनाव आदि की वारदातें चरमसीमा पर पहुँच चुकी हैं। यहाँ घटित हुये मुज़फ्फरनगर, दादरी, मथुरा व बुलन्दशहर काण्ड इसी के ही परिणाम है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान सपा सरकार के मुखिया की रथयात्रा में ज़्यादातर वही लोग नज़र आये जिन्होंने सपा परिवार व सपा सरकार में वर्चस्व की लड़ाई हेतु जारी गृहयुद्ध में दबंगई, गुण्डई व हुड़दंगबाजी की है।बसपा प्रमुख ने कहा कि गुरूवार को भी दोनों सपा गुट आपस में ही भिड़े और पोस्टर, बैनर आदि फाड़े । इसलिए ऐसी बिगड़ैल सरकार से प्रदेश का कोई भला नहीं होने वाला है।
चारों तरफ जंगलराज और भ्रटाचार का बोलबाला है और मुख्यमंत्री निवास पर भी गाली-गलौज व मारपीट की गई है। फिर भी प्रदेश के राज्यपाल कहते हैं कि प्रदेश में संवैधानिक संकट नहीं है। उन्होंने कहा कि यह सपा-भाजपा की आपसी मिलीभगत है।
बसपा प्रमुख ने कहा कि यह सब जान रहे हैं कि प्रदेश की 22 करोड़ जनता हर स्तर पर सपा सरकार की अराजकता, भ्रष्टाचार, जंगलराज से दुःखी परेशान व बदहाल है। इसका अन्दाज़ा यहाँ के लोगों उस समय लगा जब सपा परिवार व सपा सरकार की वर्चस्व की लड़ाई में उनके समर्थक कार्यालय और सपा प्रमुख के घर के सामने सर फुटव्वल कर रहे थे।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि अखिलेश यादव ने व्यक्तिगत स्वार्थ व पब्लिसिटी के लिए अपार सरकारी धन खर्च किया है। इन कामों में जितना धन लुटाया गया है उससे ग़रीबोें का काफी कुछ भला हो सकता था।
इसके साथ ही शिलान्यास व आधी-अधूरी योजनाओं का उद्घाटन करने के लिये सरकारी धन बर्बाद किया गया है, उससे प्रदेश की सैकड़ों किलोमीटर टूटी सड़कों की मरम्मत का वास्तविक जनकल्याणकारी काम हो सकता था। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि इन तमाम प्रयासों के बावजूद वर्तमान मुख्यमंत्री की शिकायत है कि प्रदेश की आमजनता उन्हें पहचानती ही नहीं है।
Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper National Hindi News Paper, E-Paper & News Portal