नई दिल्ली। कांग्रेस कार्यसमिति बैठक की अध्यक्षता करते हुए राहुल ने मोदी सरकार को जमकर लताड़ा। उन्होंने कहा की राष्ट्रीय सुरक्षा के बहाने सिविल सोसायटी को सवाल पूछने से रोका जा रहा है। टीवी चैनलों को बंद किया जा रहा है और विपक्षी नेताओं को गिरफ्तार किया जा रहा है। राहुल ने एक बार फिर वन रैंक-वन पेंशन का मुद्दा उठाया।
कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा, ‘मौजूदा सरकार के तहत यह लोकतंत्र के लिए सबसे अंधकारमय समय है। सवाल पूछने से यह सरकार असहज होती है। हमें आने वाले संसद सत्र में सरकार की नाकामियों को उजागर करना है।’ इस बैठक में कांग्रेस संसद सत्र के दौरान भाजपा को घेरने के लिए जिन राजनीतिक मुद्दों को उठाने की योजना बना रही है, उनमें सर्जिकल स्ट्राइक से राजनीतिक लाभ लेना, मध्यप्रदेश में एक ‘मुठभेड़’ में सिमी के आठ सदस्यों के मारे जाने के साथ ही तीन तलाक और समान नागरिक संहिता जैसे विवादास्पद मुद्दे शामिल हो सकते हैं।
सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक में राहुल गांधी को पार्टी अध्यक्ष बनाए जाने पर कोई फैसला नहीं होगा। कांग्रेस आलाकमान के संगठनात्मक चुनाव और आगे टालने की संभावना है, जिसे पहले एक वर्ष की अवधि के लिए इस दिसंबर के अंत तक टाला गया। पार्टी के भीतर एक वर्ग का मानना है कि ऐसा उत्तर प्रदेश और पंजाब में विधानसभा चुनाव के बाद ही किया जाना चाहिए।
पार्टी सूत्रों ने कहा कि संगठनात्मक चुनाव एक वर्ष से अधिक समय तक टलने की उम्मीद है, क्योंकि चुनाव कराने के लिए बहुत ही कम समय है और पार्टी को अगले वर्ष होने वाले आगामी विधानसभा चुनावों पर ध्यान केंद्रित करना है।
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