नई दिल्ली। 500 और 1000 रुपए के नोट बंद होने का असर रियल एस्टेट सैक्टर में भी देखने को मिल सकता है। नोट बैन हो जाने से लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। 
जानकारों के मुताबिक नोट बदलने और ATM की स्थिति सामान्य होने में अभी करीब 15 दिन लग जाएंगे। हालांकि इससे अर्थव्यवस्था को नुकसान नहीं होगा ।
सबसे पहली बात इस बैन के बाद लोग बैंकों में पैसे जमा करा रहे हैं जिससे कैश फ्लो बढ़ेगा और कर्ज भी सस्ता होगा जिसका सीधा असर महंगाई दर में कमी के रूप में देखा जाएगा। घर खरीदने का इंतज़ार कर रहे लोगों के लिए यह सबसे बढ़िया मौका साबित होगा।
होम लोन हो सकतें हैं सस्ते
एक्सपर्ट्स के मुताबिक कैश फ्लो बढ़ने से कर्ज का सस्ता होना तय है जिससे होम लोन भी सस्ता होने के पूरे आसार हैं। आंकड़ों के मुताबिक फिलहाल देश की जी। डी। पी। में रियल्टी सैक्टर का शेयर 11% है।
अक्सर प्रॉपर्टी सौदों में टैक्स बचाने के लिए बड़ा लेनदेन नगद होता है। वर्ल्ड बैंक की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में एक तिहाई काला धन सिर्फ प्रॉपर्टी बाजार में है।
अब नोटबंदी के बाद से ये नकद मार्कीट में 20% से 30% नीचे जाना तय है। इसके बाद कैश फ्लो को सुधरने में करीब 6 महीने का वक़्त लग जाएगा।
रियलटी सैक्टर में गिरावट
शुरूआत में इसका रियलिटी सेक्टर निगेटिव असर पड़ेगा। नोट बैन होने के बाद अब इस सैक्टर में कालाधन खपाने वाले यहां से दूर होने लगेंगे। इसका असर अभी से शेयर मार्कीट पर दिखाई दे रहा है और रियलटी सैक्टर के शेयरों में 20% तक की गिरावट देखी जा रही है।
वाइट मनी बाजार में आएगी
इसके आलावा जब कालाधन इन्वेस्ट करने वाले इस सैक्टर से बाहर हो जाएंगे। इससे असली खरीदार और वाइट मनी मार्कीट में आने लगेगी। अभी बिल्डर्स कीमत लोकेशन के हिसाब से तय करते थे लेकिन नोट बैन के बाद ये सब बदलने वाला है।
मार्कीट गिरेगा तो आने वाले वक्त में बिल्डर्स की तरफ से भी डिस्काउंट बढ़ाए जाने की उम्मीद की जा रही है। ब्लैकमनी कम होने से स्टांप ड्यूटी की चोरी रुकेगी।
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