लखनऊ। मिडलैंड अस्पताल में बच्ची की मौत पर परिजनों ने जमकर हंगामा किया। परिजनों का आरोप था कि बच्ची की मौत हो जाने के बाद अस्पताल प्रशासन उसकी मौत की सूचना को छुपाए रखा।
सुबह जब परिजनों को शक हुआ तो उन्होंने आईसीयू में जाकर देखा तो बच्ची की सांसे थम चुकी थी। मामला बढ़ता देख अस्पताल प्रशासन ने बच्ची के पिता व अन्य घरवालों से बात की। इसके बाद हंगामा कर रहे परिजनों ने चुप्पी साध ली। मौके पर पहुंची पुलिस से भी कोई शिकायत नहीं की।
राजधानी के कपूरथला स्थित मिड लैंड अस्पताल में इलाज के लिए मासमू बच्ची को लेकर पहंुचे। जहां चिकित्सकों ने बच्ची की स्थिति को देखते हुए उसे आईसीयू में भर्ती कर लिया।
24 घंटे तक बच्ची के आईसीयू में होने पर परिजनों ने डॉक्टरों से पूंछ तो डॉक्टरों व कर्मचारियों ने यह कहकर आश्वस्त किया कि उसकी स्थिति में पहले से काफी सुधार है।
चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है, लेकिन मंगलवार की सुबह कर्मचारियों ने परिजनों को आईसीयू में जाने से मना कर दिया। परिजनों ने कर्मचारियों से एक बार बच्ची से मिलने की इच्छा जताई, लेकिन गार्ड व कर्मचारी ने उनकी एक न सुनी। जिसके बाद परिजन सतेन्द्र जबरन आईसीयू में चले गए। आईसीयू में बच्ची पहले ही दम तोड़ चुकी थी।
बच्ची की मौत से आक्रोशित परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया। सूत्रों के अनुसार हंगामे के दौरान आक्रोशित परिजनों ने मामले की जानकारी 100 नौम्बर पर पुलिस को दी। लेकिन बाद में अस्पताल प्रशासन व परिजनों के बीच आपसी सहमती बनने के बाद उनकी ओर से पुलिस को कोई लिखित शिकायत नहीं दी गई।