लखनऊ। सपा के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने गुरुवार को यहां कहा कि हमारी पार्टी और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने राजनीति में हमेशा महिलाओं को आगे बढ़ाया है।
उन्होंने कहा कि समाजवाद के पुरोधा डा0 राममनोहर लोहिया के सप्तक्रांति के सात सूत्रों में पहला सूत्र ही नर-नारी समानता पर आधारित है और सपा इसी सूत्र के तहत राजनीति करती है।
राजधानी स्थिति सपा मुख्यालय में आज समाजवादी महिला सभा की प्रान्तीय कार्यसमिति, जिला व महानगर अध्यक्षों की बैठक को सम्बोधित करते हुए शिवपाल ने कहा कि नेताजी (मुलायम सिंह यादव) ने लोहिया के उस प्रयोग व सोच को बड़े पैमाने पर लोकजीवन में चरितार्थ किया जिसके तहत उन्होंने ग्वालियर की महारानी के विरूद्ध एक मेहतरानी को चुनाव लड़ाया था।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नोटबंदी से सबसे अधिक गृहणियां और आम महिलायें ही प्रभावित हुई हैं। उन्होंने महिलाओं से मोदी की गरीब विरोधी सरकार को उखाड़ फेंकने की अपील की। उन्होंने महिलाओं से छोटी-छोटी बैठकें कर आम लोगों को जागरूक करने का भी आग्रह किया।
शिवपाल ने कहा कि यदि मोदी सरकार महिलाओं के विकास व नारियों की समस्याओं के समाधान पर ध्यान दिया होता तो भारत लिंग आधारित सूचकांक में सौ देशों से पीछे न होता। कहा कि समाजवादी सरकार ने कई ऐसे काम किए हैं जिससे महिलाओं का सम्मान परिवार व समाज में बढ़ा है।
इस मौके पर सपा प्रवक्ता व विधान परिषद सदस्य डा0 अशोक बाजपेयी ने कहा कि नारियों ने हर समय व हर स्तर पर अपनी श्रेष्ठता साबित किया है। पहली बार मुलायम सिंह ने पंचायत चुनावों में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देकर उनके हाथों को राजनीति में मजबूत किया था।
उन्हांेने भी नारियों को अन्याय न सहने और अन्याय का प्रतिकार करने की सीख दी। बाजपेयी ने सुचिता कृपलानी, मृणाल गोरे, सरस्वती अम्माल जैसी महिला-नेतृृयों को याद किया और कहा कि इनके त्याग और संघर्ष को समाजवादी आंदोलन के इतिहास में स्वर्णाक्षरों से लिखा जाएगा।
समाज सेविका अपर्णा यादव ने कहा कि अखिलेश सरकार ने नारी सशक्तिकरण के लिए 1090 जैसी कई सफल योजनायें चलाई है, जिनका प्रचार-प्रसार समाजवादी महिला सभा के पदाधिकारियों को करना होगा। महिलायों को साड़ी का पल्ला, पार्लर व पालने के दायरे से निकल कर देश व समाज के नवनिर्माण में सहभागी बनना होगा।
समाजवादी चिन्तक सपा सचिव व प्रवक्ता दीपक मिश्र ने कहा कि समाजवादी आंदोलन, विचारधारा और पार्टी को महिलाओं ने कभी कमजोर नहीं होने दिया।
डा0 लोहिया ने 1942 में जब भूमिगत होकर अग्रेंजों से लड़ रहे थे, जेपी हजारीबाग जेल में थे तो अरूणा आसफ अली एवं ऊशा मेहता ने उनका साथ दिया था। दुर्गा भाभी का योगदान हिन्दुस्तान गणतांत्रिक समाजवादी संघ के गठन व संचालन में चन्द्रशेखर आजाद व भगत सिंह से जरा भी कम नहीं था।
अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में डा0 श्वेता सिंह ने कहा कि सपा मेें महिलाओं का बहुत सम्मान है। महिलायें 2017 में समाजवादी पार्टी की सरकार पुनः प्रचण्ड बहुमत से साथ बनाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। नेताजी के जन्म दिन और 23 नवम्बर को होने वाली गाजीपुर रैली में महिलायें बढ़-चढ़ कर हिस्सा लंेगी।
बैठक का संचालन महासचिव संगीता यादव ने किया। बैठक में उज्मा इकबाल सोलंकी, नीलम यादव, माला शुक्ला, राजदेवी चैधरी, सत्यभामा मिश्रा, विद्या यादव, प्रभा दुबे, विभा शुक्ला, मुन्नीपाल समेत कई वक्ताओं ने संबोधित किया। बैठक में डा0 लोहिया के नारी विमर्श पर आधारित दो ऐतिहासिक भाषणों ‘द्रोपदी व सावित्री’ तथा ‘दो कटघरे’ का वितरण व वाचन किया गया।