दिल्ली। नोटबंदी के फैसले पर विपक्ष ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संसद के बाहर की गई एक टिप्प्णी को लेकर उनसे माफी मांगने की मांग को लेकर हंगामा किया।
500 और 1000 रुपए के पुराने नोटों को अमान्य करने के फैसले की बहुत कम आलोचना हुई है।
लेकिन कुछ लोग अब भी आलोचना कर रहे हैं कि सरकार ने पूरी तैयारी नहीं की। मेरा मानना है कि मुद्दा यह नहीं है कि सरकार ने पूरी तैयारी नहीं की थी। बल्कि मुझे लगता है कि ऐसे लोगों को इस बात की पीड़ा है कि सरकार ने उन्हें किसी तैयारी का मौका नहीं दिया।’
उन्होंने कहा कि अगर विरोध करने वालों को तैयारी के लिए 72 घंटे मिल जाते तो वे तारीफ करते कि मोदी जैसा कोई नहीं है। नोटबंदी के फैसले पर विपक्ष ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संसद के बाहर की गई एक टिप्प्णी को लेकर संसद में उनसे माफी की मांगने की मांग को लेकर हंगामा किया।
इससे पिछले कई दिनों से संसद में जारी गतिरोध के समाप्त होने के आसार धूमिल हो गए। वहीं सरकार ने साफ कर दिया कि प्रधानमंत्री के माफी मांगने का सवाल ही नहीं है।
मोदी ने शुक्रवार सुबह एक पुस्तक विमोचन समारोह में कहा कि नोटबंदी के फैसले से पहले तैयारी नहीं होने का आरोप लगाते हुए सरकार की आलोचना कर रहे लोगों की पीड़ा यह है कि उन्हें खुद तैयारी का वक्त नहीं मिला। अगर उन्हें 72 घंटे का समय तैयारी के लिए मिल जाता तो वह प्रधानमंत्री की तारीफ करते।
प्रधानमंत्री की इस टिप्पणी का विपक्षी सदस्यों ने संसद के दोनों सदनों में भारी विरोध करते हुए उनसे माफी मांगने की मांग की। विपक्ष के हंगामे के कारण जहां लोकसभा एक बार के स्थगन के बाद वहीं राज्यसभा दो बार के स्थगन के बाद पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई।
शुक्रवार के दिन भोजनावकाश के बाद दोनों सदनों में गैर सरकारी कामकाज होता है। लेकिन आज यह भी हंगामे की भेंट चढ़ गया।
राज्यसभा में संसदीय कार्य राज्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी यह कहते हुए सुने गए कि प्रधानमंत्री के माफी मांगने का सवाल ही नहीं उठता बल्कि माफी तो विपक्षी सदस्यों को मांगनी चाहिए।
लोकसभा में शुक्रवार को सदन की कार्यवाही शुरू होने पर विपक्षी दलों के सदस्य सदन में कार्य स्थगित कर मतविभाजन वाले नियम 56 के तहत तत्काल चर्चा कराने की मांग करने के साथ-साथ नोटबंदी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान का विरोध कर रहे थे। अपनी मांगों के समर्थन में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, वाम दल के सदस्य आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे।
सदन में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि प्रधानमंत्री ने जो कहा, वह ठीक नहीं है। उन्हें सदन में बोलना चाहिए क्योंकि सत्र चल रहा है।
लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सदस्यों से अपने स्थान पर जाने का आग्रह किया और सदन की कार्यवाही चलाने का प्रयास किया। प्रश्नकाल के दौरान कुछ प्रश्न भी लिए गए और संबंधित मंत्रियों ने उनके जवाब भी दिए। हालांकि विपक्षी सदस्यों का शोर-शराबा जारी रहा।