लखनऊ। राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष डा. मसूद अहमद ने कहा कि प्रदेश के 90 प्रतिशत धान क्रय केन्द्र बंद पड़े हैं और जो खुले भी है वहां नोटो के अभाव में धान की खरीद नहीं हो पा रही है।
ऐसी दशा में किसानों को अपना धान औने पौने दाम पर बेचना पड़ रहा है क्योंकि उसे रबी की बुवाई भी करनी है तथा अपने परिवार का पेट भी पालना है।
वर्तमान में प्रदेश का लाखों मजदूर, भुखमरी की मार झेल रहा है, क्योंकि केन्द्र सरकार की जल्दबाजी में जारी हुआ नोटबंदी का तुगलकी फरमान मजदूरी में आड़े आ गया है और हजारों कारखाने भी बंद हो गए हैं।
रालोद प्रदेश अध्यक्ष ने प्रदेश के किसानों और मजदूरों का आह्वान करते हुए कहा कि 5 दिसम्बर को जन्तर-मन्तर नई दिल्ली में सभी को राष्ट्रीय लोकदल द्वारा आयेजित प्रदर्शन में सम्मिलित होकर केन्द्र सरकार के समक्ष कृषि के बजट को बढ़ाने की मांग प्राथमिकता से रखी जायेगी क्योंकि ग्लोबल वार्मिंग के फलस्वरूप किसानों की फसलें विषेश रूप से प्रभावित होती हैं।
मौसम के दुष्प्रभाव एवं फसल की अच्छी पैदावार बढ़ाने के लिए कृषि के संसाधनों की बढ़ोत्तरी होना आवष्यक है इसके साथ साथ किसानों की स्थिति को देखते हुये उनको कर्जों को माफ करना भी नितांत आवष्यक है क्योंकि जब तक किसान कर्ज से मुक्त नहीं होगा तब तक तन मन से खेती करना सम्भव नहीं है।
उन्होंने मुख्यमंत्री की कार्यशैली पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये कहा है कि आगरा एक्सप्रेस वे के उद्घाटन पर सूखोई विमान का प्रदर्शन और यमुना एक्सप्रेस वे के उद्घाटन में साइकिल चलाने में कितना विरोधभास है। आखिर इस प्रकार का दिखावा करके उत्तर प्रदेश के विकास की कौन सी तस्वीर खींचना चाहते हैं।
वास्तविकता यह है प्रदेश का किसान, मजदूर एक्सप्रेस वे नहीं ग्रामीण विकास चाहता है जो न के बराबर है। प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में बसपा और सपा ने अम्बेडकर ग्राम और लोहिया ग्राम के नाम पर धन की बन्दरबांट की है।