लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने कहा है कि मोदी ने सांसदों व विधायकों से आठ नवम्बर से 31 दिसम्बर तक का हिसाब राष्ट्रीय अध्यक्ष को देने का निर्णय नया शिगूफा है।
मोदी ने यह निर्णय नोटबन्दी के मामले पर केन्द्र सरकार पर बढ़ते जनदबाव से जनता का ध्यान हटाने के लिए किया है।
ये बातें मंगलवार को यहां जारी एक बयान में मायावती ने कही हैं। उन्होंने यह भी कहा है कि नोटबन्दी के मामले पर मोदी सरकार के खिलाफ लोगों में गोलमाल की आशंका उत्पन्न हुई है जिससे जनता का ध्यान भटकाने के लिए मोदी ने पार्टी के सांसदों और विधायकों से अपना हिसाब राष्ट्रीय अध्यक्ष को देने को कहा है।
मायावती ने कहा कि अच्छा होता कि मोदी सांसदों और विधायकों से खासकर वर्ष 2016 के आठ नवम्बर से पहले का हिसाब देने का निर्देश देते। उन्होंने आरोप लगाया कि नोटबन्दी के पहले भाजपा के लोगों के द्वारा काफी धन को ठिकाने लगाने का काम किया गया है। उन्होंने कहा कि नोटबन्दी का निर्णय जल्दबाजी में लिया गया है इसलिए जनता की परेशानी समाप्त होने का नाम नहीं ले रही है।