नयी दिल्ली। सरकार ने डेबिट और क्रेडिट कार्ड से 2000 रुपये तक के लेन-देन पर किसी प्रकार का सर्विस टैक्स नहीं लगाने का फैसला किया है।
सरकार की ओर से यह फैसला 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों को बंद करने के बाद कैशलेस भुगतान (नकदी रहित) को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया है।
सूत्रों का कहना है कि सरकार ने किसी भी व्यक्ति के द्वारा एक बार में क्रेडिट अथवा डेबिट कार्ड के जरिये 2000 रुपये तक एक बार लेन-देन करने पर किसी प्रकार का सेवा शुल्क नहीं लिया जायेगा। इसके लिए वित्त मंत्री अरुण जेटली की ओर से संसद में एक अधिसूचित प्रस्ताव पेश किया गया है।
देश में 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों का प्रचलन बंद करने के बाद से लोगों को बैंकों और एटीएम से नकदी निकालने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। लोगों की इस परेशानी को देखते हुए सरकार ने डेबिट और क्रेडिट कार्ड से 2000 रुपये तक के लेन-देन को सर्विस टैक्स फ्री करने का फैसला किया है।
सरकार के इस कदम से देश में कैशलेस डिजिटल भुगतान की प्रक्रिया को बढ़ावा मिलेगा। फिलहाल सरकार ने कहा कि देश में बैंकों की ओर से 31 मार्च तक करीब 10 लाख अतिरिक्त पीओएस टर्मिनल लगाये जाएंगे।
सूत्रों का कहना है कि सरकार डेबिट और क्रेडिट कार्ड से लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए जून, 2012 में अधिसूचित सर्विस टैक्स की अधिसूचना में संशोधन करने पर विचार कर रही है।
इस समय संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय सेवा प्रदान करने वाले संस्थाननों की ओर से टैक्स से छूट प्रदान की गयी है। इसके अलावा, सर्विस देने वाली संस्थानों में आर्बिट्रल ट्रिब्यूनल्स, नयी ड्रग कंपनियां, शैक्षणिक संस्थानों, ट्रेड यूनियन, साधारण जीवन बीमा और खेल प्राधिकरणों आदि में टैक्स से छूट देने पर विचार किया जा रहा है।