सिलीगुडी। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी भाकपा ( माले) नेता अभिजीत मजुमदार ने कहा कि केंद्र सरकार की नोटबंदी के फैसले से सबसे अधिक पूंजीपति व कॉपोरेट वर्ग लाभान्वित हुआ है। केंद्र सरकार के इस फैसले से छोटे कारोबारी, किसान व मजदूरों की परेशानी बढी है।
किसानों को ऋण नहीं मिल पा रहा है। नोटबंदी का सीधा असर छोटे छोटे उद्योग धंधे पर पड रहा है। छोटे व मझौले व्यापार में रूपये की लेनदेन में गिरावट आयी है।
नोटबंदी के फैसले के एक महीना पूरा होने के मौके पर पूरा विपक्ष देश में आज काला दिन के रूप में सरकार के इस फैलसे का विरोध कर रहा है। इसी क्रम में अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भाकपा माले के जिला सचिव अभिजीत मजुमदार ने कहा कि बैंकों में पैसे का अभाव है वहीं बडे – बडे शॉपिग मॉल में पर्याप्त मात्रा में पैसे मिल रहे हैं।
इससे साफ जाहिर होता है कि केंद्र सरकार पूंजीपतियों के हित में इस तरह का फैसला लिया है। श्री मजुमदार ने कहा कि मोदी सरकार देश भर में कैशलेस इकोनॉमी कायम करने की बात कह रही है, पर निकट भविष्य में यह संभव नहीं लगता। उन्होंने कहा कि भारत जैसे देश को रातोंरात कैशलेस बनाने का सपना देखना सच्चाई से पडे है।
उन्होंने कहा सरकार को इसके लिए जमीनी स्तर पर ढेर सारे काम करने होंगे। भारत की अधिकतर आबादी गांवों में बसती है। जहां पर्याप्त मात्रा में बैंक व एटीएम नहीं है। इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में कैशलेस इकोनॉमी के बारे में व्यापक स्तर पर जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है।
सरकार द्वारा अचानक नोटबंदी के फैसले से आम लोगों को हो रही परेशानियों का जिक्र करते हुए श्री मजुमदार ने कहा कि वर्तमान हालात के मद्देनजर केंद्र सरकार द्वारा नोटबंदी के बाद उपजे हालातों को सामान्य होने में 50 दिनों की मोहलत ली गयी है।
वर्तमान हालत के मद्देनजर इस अवधि में इसे पूरे होने पर उन्होंने संदेह जताते हुए कहा कि इस बीच गरीब जनता और अधिक परेशान होगी।