इंफाल।केंद्र सरकार ने मणिपुर सरकार को एक सख्त संदेश देते हुए कहा कि मानवाधिकार संकट के समय अपनी जिम्मेदारियों से बच नहीं सकती।
नगा समूह यूनाइटेड नगा काउंसिल की ओर से पिछले 52 दिनों से किए गए आर्थिक बंदी से उत्पन्न संकट को अब खत्म करना होगा। केंद्र ने साफ किया कि किसी को भी ताजा घटनाक्रम का राजनीतिक लाभ नहीं उठाने दिया जाएगा।
कांग्रेस शासित राज्य मणिपुर में जारी संकट का संज्ञान लेते हुए केंद्र के दूत बनकर शुक्रवार इंफाल पहुंचे केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरन रिजिजू ने कहा कि इसतरह का बंद जिससे हजारों लोग मुसीबत में हैं, कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। केंद्र और मणिपुर सरकार मिलकर इसका खात्मा करेगी।
उन्होंने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि मणिपुर सरकार इस बंद को अभी तक खत्म नहीं कर पाई है जबकि कानून और व्यवस्था का जिम्मा राज्य सरकार का होता है।
इससे पूर्व, रिजिजू ने मुख्यमंत्री ओ. इबोबी सिंह के साथ बैठक की। इस बैठक में केंद्र और राज्य के वरिष्ठ अफसर भी शामिल हुए। उन्होंने इस आरोप का खंडन किया कि केंद्र सरकार ने मामले में देर से दखल दिया है।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार राज्य सरकार को शुरुआत से ही बंद को हटाने का आग्रह कर रही है। साथ ही सहायता देने की भी पेशकश की थी।
युनाइटेड नगा काउंसिल के आर्थिक बंद के बीच शुक्रवार तड़के तीन बजे पांच से छह अज्ञात लोगों ने कामजोंग जिले के उपमंडलीय कार्यालय समेत तीन सरकारी दफ्तरों का जला दिया।
यह एसडीओ का अस्थाई दफ्तर था। मिनी सचिवालय के भी दो कमरे जला दिए गए। जबकि उखरुल में नगा निकायों ने जबरदस्त प्रदर्शन किया।
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