नई दिल्ली। केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्यमंत्री रामकृपाल यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत दी जानी वाली सहायता राशि में बढ़ोतरी कर दी गई है| इसके तहत वर्ष-2019 तक एक करोड़ मकानों के निर्माण का लक्ष्य तय किया गया है।
गुरुवार को केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय की संसदीय सलाहकार समिति की बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में एक सवाल के जवाब में यादव ने यह जानकारी दी।
बैठक में सांसद प्रदीप टमटा, पंकज चौधरी, राजेंद्र अग्रवाल, हुकुमदेव नारायण, रामकुमार वर्मा, डा. सत्यपाल सिंह, कुंवर हरिवंश सिंह और ग्रामीण विकास मंत्रालय के सचिव अमरजीत सिन्हा भी मौजूद थे।
इस बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को करनी थी। लेकिन उनकी गैरहाजिरी में केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्यमंत्री रामकृपाल यादव ने बैठक की अध्यक्षता की।
यादव ने कहा कि पहले मैदानी क्षेत्रों में 70,000 रुपये सहायता राशि दी जाती थी जिसे अब बढ़ा कर 1.20 लाख रुपये कर दिया गया है। इसी तरह पूर्वोत्तर और पहाड़ी राज्य व दुर्गम क्षेत्रों के लिए भी सहायता राशि को 75,000 रुपये से बढ़ा कर 1.30 लाख रुपये कर दी गई है।
प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) की मुख्य विशेषताएं क्या है और इसे कब तक हासिल किया जाना है, इसके जवाब में यादव ने कहा कि अब स्वच्छ रसोई क्षेत्र के साथ न्यूनतम क्षेत्र 20 वर्गमीटर से बढ़ा कर 25 वर्गमीटर कर दिया गया है।
उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत अभियान के तहत शौचालयों के निर्माण के लिए अलग से 12,000 रुपये दिये जा रहे हैं। यादव ने कहा कि अगर लाभार्थी चाहें तो उन्हें वित्तीय संस्थाओं से 70,000 रुपये ऋण उपलब्ध कराने में भी मदद की जाएगी।
उन्होंने कहा कि पहले चरण का लक्ष्य 2018-19 तक हासिल किया जाना है। यादव ने कहा कि 2011 की जनगणना के आधार पर सबसे पहले बेघरों और फिर एक व दो कमरों के कच्चे मकानों में रहने वालों को प्राथमिकता दी जा रही है।
एक सवाल के जवाब में यादव ने कहा कि इस योजना के तहत सभी बेघर और जीर्ण-शीर्ण घरों में रहने वाले लोगों को पक्का मकान बनाने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। इस परियोजना पर अगले तीन वर्षों में 21,975 करोड़ रुपये खर्च होंगे। दिल्ली और चंडीगढ़ को छोड़ कर यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों में पूरे भारत में क्रियान्वित की जा रही है।